बस्ती : छुट्टा जानवर किसानों के लिए बने मुसीबत

विक्रमजोत/बस्ती। पशुपालकों द्वारा  छोड़े गए जानवर किसानो के लिए मुशीबत बन गए हैं। आलम यह है की उन्हें अपनी फसलो को बचाने के लिए  रात भर जागकर खेतों की रखवाली करते पड़ रही  हैं। पशुओं के झुंड खेतों मे खड़ी फसलो को न सिर्फ अपना नेवाला बना लेते है बल्कि फसलों को अपनी खुरों से रौंद कर उन्हें जमीदोज कर बर्बाद कर देते है।सरकार द्वारा अब तक किए गए सारे प्रयास बेमतलब साबित हो रहे है।

    सरयू नदी का माझा क्षेत्र होने के कारण क्षेत्र में छुट्टा पशुओं की भरमार है  हजारों की तादाद में मौजूद छुट्टा जानवरों का कहर  शाम ढलते ही आस पास  के गावों के किसानों के फसलों पर शुरू हो जाता है।  और रात भर फसलों को अपने पैरों से रौंदते हुए अपना आहार बनाकर बर्बाद कर दे रहे हैं। मजबूरन किसान सारी रात जागकर हांका लगाकर अपने फसलों को इनके कहर से बचाने का प्रयास कर रहे है।कयी किसान खेतों की रखवाली के दौरान हिंसक पशुओं के शिकार भी हो चुके है।फसलों की सुरक्षा के लिए किसान खेतों के किनारे पोल और कटीले तार भी लगा रखें हैं फिर भी ये छुट्टा पशु फसलों को चट कर जा रहे हैं किसानों का कहना है कि सरकार द्वारा इन छुट्टा पशुओं से निजात दिलाने के लिए तमाम ग्राम पंचायतों में पशुशाला बनाया गया है और उसमें पशुओं को रखने की ब्यवस्था की गई लेकिन यह ब्यवस्था बेमतलब साबित हो रही है।किसानों का कहना है की  इस समस्या के तरफ न तो अधिकारी ध्यान दें रहे हैं और न तो जनप्रतिनिधि।

क्षेत्र के किसानों  का कहना है कि यह बहुत ही गंभीर समस्या है और सरकार द्वारा इस समस्या से निजात दिलाने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किया जा रहा है किसानों ने शासन प्रशासन से इस समस्या से निजात दिलाने की मांग किया है।

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