निघासन क्षेत्र मे बीते दिनों आयी भीषण बाढ़ की वजह से निघासन का झंडी मार्ग बड़े-बड़े गड्ढों में तब्दील हो गया है। जिसकी वजह से राहगीरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्रवशियो का कहना है कि झंडी मार्ग पनवारी मार्ग होने के बावजूद भी अपनी दुर्दशा पर आंशू बहा रहा है। इस मार्ग पर कई ग्रामीणों का आवागमन रहता है व इसी मार्ग से मुख्यालय के दो शॉर्टकट रास्ते है जिसकी वजह से कम दूरी तय करते हुए जिला मुख्यालय पहुँचा जा सकता है। एक रास्ता फूलबेहड़ होते हुए मुख्यालय जाता है जो बाढ़ के समय बंद रहता है मगर जैसे-जैसे बाढ़ का पानी कम होता है तो पेंटून का पुल बनाकर लोगों का आवागमन फिर से शुरू हो जाता है। दूसरा रास्ता बाईपास बंधा रोड से होते टहारा से हाइवे पर मिलता है। दोनों शॉर्टकट मार्गों से मुख्यालय की दूरी 10 से 15 किलोमीटर कम पड़ जाती है। मगर नेताओं व संबंधित अधिकारियों के अनदेखी की वजह से यह मार्ग बड़े-बड़े गड्ढों में तब्दील होकर अपने दुर्दशा पर आंशू बहाने को मजबूर है। फिलहाल इस जर्जर मार्ग को जो भी देखता वो सम्बंधित अधिकारी व नेता को एक बार जरूर कोसता। कुछ समय पूर्व ही अभी इस रोड पे मरमत के नाम पर लाखों रुपयों का बंदर बाँट हुआ था।पर रोड जैसे के तैसे पड़ी है। क्षेत्रवासी उसी रोड़ से होकर जाने को मजबूर आये दिन अपने मोटरसाइकिल ,व चार पहिया वाहन में पनीचर व टायर भी डालने पड़ते है। पर नेता केवल वोट जातिवाद के नाम पर वोट ले कर उन्हों ऐसे ही मारने को छोड़ देते है।
अभी कुछ दिन पहले हुआ था पैचिंग कार्य:-
बीते दिनों आयी भीषण बाढ़ की वजह से सड़कों पर गड्ढे हो गए थे जिसकी वजह से राहगीरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। दिक्कतों को देखते हुए गड्ढों को भरने के लिए पैचिंग का कार्य करवाया गया मगर यह पैचिंग कार्य मात्र खानापूर्ति रहा क्योंकि मात्र चंद दिनों में ही पैचिंग किये गए गड्ढे फिर से उभर आये। आलम यह है कि इस मार्ग पर मात्र बीस की स्पीड से ही चला जा सकता है।