कानपुर : पनकी में हर रोज हो रही है ढाई हजार लीटर डीजल-पेट्रोल की चोरी

अभिषेक त्रिपाठी 

इंडियन ऑयल के पनकी स्थित टैंकर संचालक ही सरकार को हर महीने लगा रहे 50 से 60 लाख रुपये के का चूना

कानपुर। महानगर के पनकी इलाके में इंडियन ऑयल डिपो से रोजाना निकलने वाले सवा सौ टैंकरों में से सैकड़ों लीटर डीजल व पेट्रोल चोरी कर लिया जाता है। चोरी का ये खेल कथित तौर पर आईओसी, आपूर्ति विभाग और पुलिस के स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा है। कई बार शिकायतों और बवाल के बावजूद स्थानीय पुलिस भी दशकों से हर रोज हो रही लाखों की इस चोरी को अनदेखा करती है। जिम्मेदार लोग और तेल चोर तो अपनी जेबें भर रहे हैं, लेकिन खामियाजा आम जनता भुगत रही है..,, वो जनता जिसके द्वारा भरे जाने वाले टैक्स के पैसों से ये डीजल-पेट्रोल खरीदा जा रहा है। जनता और आयल कॉर्पोरेशन को हर महीने 50 से 60 लाख रुपये का चूना लगाने वाली इस चोरी को रोकने वाला कोई नहीं।

खुद पनकी पुलिस के सूत्रों के अनुसार

” पनकी में तेल चोरी करने वालों के ही कई-कई टैंकर इंडियन ऑयल में रजिस्टर्ड हैं। डिपो से निकलते ही ये टैंकर अपने तय गंतव्य वाले पेट्रोल पम्पों तक नहीं पहुंचते। बल्कि इन टैंकरों को पनकी के अंदरूनी इलाकों, कालपी रोड और हाइवे के किनारे बने अड्डों पर रोक लिया जाता है। ये अधिकांश तेल चोरी के अड्डे खुद इन टैंकर मालिकों के हैं। फिर टैंकरों के नॉजल में लगे विशेष तालों को “मास्टर चाभी” की मदद से खोल लिया जाता है, और हर एक टैंकर से 20 से 25 लीटर तेल निकाल लिया जाता है। अमूमन टैंकर के नॉजल की दो ही चाभियाँ होती हैं।
एक आयल कॉर्पोरेशन अधिकारी के पास, तो दूसरी पेट्रोल पंप मालिक के पास। नॉजेल की डुप्लीकेट चाभियाँ न बनाईं जा सकें, इसके लिए हर कुछ दिन में नॉजल के ताला-चाभी बदल दी जाती हैं। लेकिन जिम्मेदार विभाग ही टैंकर की “चाभी” तेल चोरों को बेंच देते हैं। आईओसी के जिम्मेदार लोग अपनी चाभी ड्राइवरों के हाथ चुपचाप बाहर भी भेजते हैं, जिसकी छाप ले ली जाती है।
उस घटतौली को पूरा करने के लिये टैंकर चालक पनकी की टूटी-फूटी सड़कों पर अंधाधुंध टैंकर चलाते हैं। इससे मथ कर तेल में फेना उत्‍पन्‍न हो जाता है,,, जो पैट्रोल पम्‍प पर घटतौली को कवर कर लेता है।
बड़ी तेल चोरी को लेकर इंडियन ऑयल के जीएम और सीजेएम से बात करने की कोशिश की गई। लेकिन सारे प्रयास बेकार गए। यहां तक की पनकी पुलिस और अधिकारी इस बारे में बास्त करने से बचते दिखे।