एमएलसी चुनाव : निर्विराेध निर्वाचन के बाद भाजपा उम्मीदवार जितेंद्र सेंगर ने मंदिरों में माथा टेका
संगठन में लंबे समय से सक्रिय भूमिका निभाते रहे जितेंद्र दो बार रह चुके हैं महोबा जिलाध्यक्ष
भास्कर न्यूज
बांदा। स्थानीय निकाय प्राधिकारी क्षेत्र विधान परिषद निर्वाचन में आखिरकार वही हुआ जिसकी पहले से ही सुगबुगाहट चल रही थी। यहां सपा से उम्मीदवार आनंद त्रिपाठी बब्बू ने एक बार फिर अपनी पार्टी को गच्चा देते हुए अपना नाम वापस ले लिया और भाजपा प्रत्याशी जितेंद्र सिंह सेंगर के निर्विरोध निर्वाचन का रास्ता साफ कर दिया। हालांकि नाम वापस लेने को लेकर सियासी हलकों में तरह तरह की चर्चाओं का बाजार गरम है। निर्विरोध निर्वाचन के बाद जितेंद्र सिंह सेंगर ने संकटमोचन मंदिर में माथा टेककर आशीर्वाद लिया और सभी कार्यकर्ताओं काे धन्यवाद दिया। कहा कि भाजपा ही ऐसी पार्टी है जहां एक सामान्य कार्यकर्ता को ऊंचाईयों तक पहुंचाने का काम किया जाता है।
एमएलसी चुनाव की सरगर्मियों के बीच गुरुवार को नाम वापसी की निर्धारित तारीख पर सपा प्रत्याशी आनंद त्रिपाठी बब्बू और निर्दलीय उम्मीदवार अतुल कुमार ने अपना नाम वापस ले लिया। इसके साथ ही भाजपा के जितेंद्र सिंह सेंगर के निर्विरोध निर्वाचन का रास्ता साफ हो गया। निर्विरोध निर्वाचन के बाद सत्ताधारी भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई और एक दूसरे को मिठाई खिलाकर शुभकामनाएं देने का दौर शुरू हो गया। उधर नाम वापसी से सपा नेताओं के माथे पर चिंता की लकीरें दिखने लगी। हालांकि सपा प्रत्याशी बब्बू को लेकर पहले से ही ऐसे कयास लगाए जा रहे थे, कि वह देर सबेर अपना नाम वापस लेंगे और भाजपा को चुनाव जिताने में मददगार साबित होंगे।
पिछले एमएलसी चुनाव में भी ऐसा ही वाकया हुआ था। जब यही बब्बू त्रिपाठी भाजपा के टिकट पर मैदान में उतरे थे, लेकिन नाम वापसी के दिन उन्होंने सपा प्रत्याशी रमेश मिश्रा के पक्ष में अपना पर्चा वापस ले लिया था और सपा के सदस्य बन गए थे। इस बार उन्हें सपा ने अपना उम्मीदवार बनाया, लेकिन वह यहां भी गच्चा दे गए और भाजपा के खेमें में शामिल होकर उनकी जीत की राह प्रशस्त कर दिया। बताया जाता है सपा प्रत्याशी बालू व्यवसायी है और जिले में कई बालू की खदानों का संचालन कर रहे हैं। उनके रिश्ते सत्ताधारियों से सदैव मधुर रहे हैं और वह खुद को भाजपा के पूर्व सांसद का सगा रिश्तेदार बताते हैं। ऐसे में सपा के टिकट पर मैदान में उतरने के बाद से ही बब्बू को लेकर सियासी गलियारों से आम जनता तक यह बात तय हो गई थी कि वह अपना नाम वापस लेंगे। इस मौके पर सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी, जिला संयोजक संजय सिंह, चित्रकूट जिलाध्यक्ष चंद्रप्रकाश खरे, पूर्व मंत्री चंद्रिका उपाध्याय, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जगराम सिंह, राजभवन उपाध्याय, किसान मोर्चा क्षेत्रीय अध्यक्ष बालमुकुंद शुक्ला, महेंद्र कछवाह, संतोष गुप्ता, धमेंद्र त्रिपाठी, अखिलेशनाथ दीक्षित, नरेंद्र सिंह नन्ना समेत तमाम कार्यकर्ता शामिल रहे।
बब्बू पर लगने लगे पैसे लेकर नाम वापसी के आरोप
सपा प्रत्याशी ने अपना नाम वापस लेकर भाजपा की जीत का रास्ता साफ किया तो उनकी पार्टी के लिए लोगों ने उन पर पैसे लेकर सौदा करने का आरोप लगाना शुरू कर दिया है। तरह तरह की चर्चाओं के बीच सपा के सूत्र बताते हैं कि सत्ताधारी भाजपा ने उनके प्रत्याशी को दबाव में लेकर नाम वापस कराया है, इसके एवज में उन्हें भाजपा की ओर से मोटी रकम और बालू का कारोबार जारी रखने की मौन सहमति भी दी गई है। बताते हैं कि नाम वापसी से पहले बब्बू के खिलाफ खनिज अधिनियम के तहत कार्रवाई करने की धमकी भी गई थी, जिसके बाद बब्बू ने नाम वापस लेकर अपना कारोबार संचालित करने का रास्ता खोल लिया है।
पेशे से अधिवक्ता हैं नवनिर्वाचित एमएलसी
विधान परिषद सदस्य बांदा-हमीरपुर खंड में भाजपा के प्रत्याशी जितेन्द्र सिंह सेंगर गुरुवार को निर्विरोध निर्वाचित हो गए। महोबा जनपद के छोटा रमना (चरखारी) गांव निवासी जितेन्द्र सिंह सेंगर एमए और एलएलबी हैं। महोबा में वह वकालत करते हैं। इसके साथ उनका कृषि व्यवसाय भी है। उन्होंने 1993 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में जिला प्रमुख के पद से राजनीति की शुरुआत की। वर्ष 1998 तक वह विद्यार्थी परिषद में रहे। इसके बाद भाजपा वार्ड अध्यक्ष रहे। 2002 से 2007 तक नगर अध्यक्ष रहे। इस बीच दो बार जिला महामंत्री पद पर कार्य किया। 2012 में भाजपा के जिला संयोजक रहे। बुंदेलखंड के क्षेत्रीय महामंत्री रहे। 2016 जनवरी से अभी तक जिलाध्यक्ष पद पर दायित्व निभा रहे हैं।
एमएलसी निर्वाचित होने के बाद बाद जितेन्द्र सिंह सेंगर ने कहा कि उनकी प्राथमिकता पिछड़े गांवों में विकास कराना और पार्टी कार्यकर्ताओं को सम्मान दिलाना है। जीत का श्रेय वह कार्यकर्ताओं को देते हैं।