फतेहपुर : महिला रोजगार सेवक को बचाने में जुटे ब्लॉक कर्मी

भास्कर ब्यूरो

फतेहपुर । बिंदकी विधानसभा क्षेत्र के एक गांव में ग्राम रोजगार सेवक के पद पर तैनात महिला, बिना त्यागपत्र दिए ही तथ्यों को छिपाकर क्षेत्र पंचायत सदस्य बन गई, जो नियम विरुद्ध है। इस मामले में शिकायत पर कार्रवाई भी हो चुकी है मगर ब्लॉक के भ्रष्ट कर्मी फाइल को दबाए बैठे हैं।

इन कारणों से लटकी पड़ी कार्रवाई की फाइल

बता दें कि तेलियानी विकास खंड के क्षेत्र पंचायत वार्ड नं. 29 हसनापुर सानी की महिला रोजगार सेवक उमा कुलदीप पत्नी राम सजीवन ने बिना पद से त्यागपत्र दिए ही क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की, बाद में उसने त्यागपत्र भी नहीं दिया। मामला जिम्मेदारों के संज्ञान में आने और लगातार हुई शिकायतों के बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। ब्लॉक के अधिकारी व ग्राम पंचायत समिति मामले में उच्च अधिकारियों के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।

ग्राम समिति ने कोई कार्रवाई नहीं की

इस मामले में शिकायत के बाद उपायुक्त मनरेगा द्वारा महिला रोजगार सेवक के विरुद्ध 23 दिसंबर 2021 को जारी आदेश में उमा कुलदीप पत्नी राम सजीवन की सेवा समाप्त कर दंडात्मक कार्रवाई की बात कही थी। उपरोक्त आदेश का पालन करते हुए खण्ड विकास अधिकारी तेलियानी ने 12 जनवरी 2022 को ग्राम समिति को आदेश दिया कि उमा कुलदीप पत्नी रामसजीवन की सेवा समाप्त कर कार्रवाई करें। लेकिन आदेश जारी होने के दो माह बाद भी ग्राम समिति ने कोई कार्रवाई नहीं की।

चुनाव का हवाला दे मामले पर टाल-मटोल

विधानसभा चुनाव का हवाला देकर मामले को टाल दिया गया जबकि मामले की शिकायत मुख्य विकास अधिकारी सत्यप्रकाश से भी की गई थी। हसनापुर सानी ग्राम पंचायत के गांव रामपुर पचभिटा निवासी सतीश तिवारी ने पंचायत चुनाव के संबंध में जन सूचना मांगी थी, जिसको जवाब में जन सूचना अधिकारी ने अगस्त 2021 और सितंबर 2021 में दी गई सूचना में बताया था कि मानदेय प्राप्त करने वाले ऐसे पदधारक चुनाव नहीं लड़ सकते हैं।

पंचायतराज अधिनियम 1947 की धारा-पांच (क) उप्र. क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत अधिनियम 1961 की धारा- 13 (क), में ग्राम रोजगार सेवक आदि उम्मीदवार नहीं हो सकते हैं 

शिकायतकर्ता पर समझौता करने का दबाव बना रहे अधिकारी 

शिकायतकर्ता का आरोप है कि अधिकारी जबरन समझौता करने का दबाव बना रहे हैं। समझौता न करने पर महिला रोजगार सेवक का कुछ न कर पाने की लगातार धमकियां दे रहे हैं। ब्लॉक के अधिकारी और ग्राम पंचायत समिति मिलीभगत कर मामले को जबरन लटकाए हुए है। भ्रष्टाचारी को अधिकारी ही बचाने की कोशिश कर रहे हैं। जबकि महीनों पहले उपायुक्त मनरेगा और जिला पंचायत राज अधिकारी मामले में कार्रवाई के आदेश कर चुके हैं।

उच्चाधिकारी कार्रवाई का दे चुके लिखित आदेश

ब्लॉक सूत्रों की मानें तो एक एडीओ पंचायत सहित अन्य कर्मचारी मामले को सिर्फ इसलिए लटकाए हुए हैं ताकि कागजों पर हेरा फेरी कर आरोपी महिला रोजगार सेवक को बचाया जा सके। बताया जाता है कि आरोपी का पति ब्लॉक प्रमुख रह चुका है, जिसके संपर्क से ब्लॉक के कर्मचारी टेबल के नीचे से खूब मोटी मलाई खाते रहे हैं। उसी का कर्ज उतारने के लिए मामले को लटकाए हुए हैं। अन्यथा जिले के अधिकारियों के आदेश करने के बाद भी मामले को महीनों लटकाने का कोई औचित्य नही दिखाई दे रहा है।

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