जयपुर 140 दिन के विराम के बाद सरकारी तेल कंपनियों ने 22 मार्च को पेट्रोल और डीजल की कीमत (Petrol-Diesel Price) में जो बढ़ोतरी का सिलसिला शुरू किया था जो वो एक दिन के अंतराल के बाद 25 मार्च को भी जारी रही। 22 और 23 मार्च के बाद आज 25 मार्च को भी पेट्रोल और डीजल के दामों में 80 पैसे से अधिक की बढ़ोतरी जयपुर में की गई है। 25 मार्च को जयपुर में पेट्रोल के दाम में 88 पैसे और डीजल के दाम में 82 पैसे की बढ़ोतरी की गई है, जो कि पूरे देश में तो नहीं पूरे उत्तर भारत में जरूर सबसे अधिक है।
इस बढ़ोतरी के बाद अब जयपुर में डीजल के दाम बढ़कर हुए 93 रुपए 17 पैसे और पेट्रोल के दाम बढ़ कर हुए 109 रुपए 69 पैसे हो गए हैं। इस बढ़ोतरी के बाद जयपुर में चार दिन के अंतराल में ही डीजल हुआ 2 रुपए 47 पैसे महंगा हो गया है और पेट्रोल 2 रुपए 63 पैसे महंगा हो गया है।
इस शहर में आपको चुकाने होंगे इतने पैसे का टैक्स
इस बढ़ोतरी के बाद के बाद जयपुर में एक लीटर पेट्रोल पर 51 रुपए से अधिक का टैक्स राजस्थान में वसूला जा रहा है और करीब 43 रुपए प्रति लीटर डीजल पर वसूला जा रहा है। यही नहीं, जिस तरह की 80 पैसे से अधिक की बढ़ोतरी रोज पेट्रोल और डीजल में हो रही है, इसमें भी करीब 35 से 45 पैसे का टैक्स का बोझ पेट्रोल और डीजल पर हर रोज आम आदमी पर बढ़ता जा रहा है।
देशभर में 80 पैसे की हुई बढ़ोत्तरी
इस तरह की बढ़ोतरी कमोबेश पूरे देश में 25 मार्च को पेट्रोल और डीजल की कीमतों (Petrol-Diesel Price) में हुई है। सारे देश में 80 पेट्रोल और डीजल के दामों में 80 पैसे की बढ़ोतरी की गई है। एक साथ लगातार तीन-चार दिन तक इतनी बढ़ी बढ़ोतरी इसके पहले कभी नहीं की गई है।
दिल्ली में अब पेट्रोल-डीजल के दाम 100 रुपए लीटर से कम
इस बढ़ोतरी के बाद दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 97.81 रुपये होगी, जबकि डीजल 89.07 रुपये प्रति लीटर में बेचा जाएगा। पेट्रोल और डीजल की नई कीमतें शुक्रवार को सुबह 6 बजे से प्रभाव में आ गई हैं।
टैक्स कम करने पर सरकार ने साधी चुप्पी
उधर तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के दामों इस बढोतरी को तर्कसंगत ठहराने की कोशिश भी शरू कर दी है। मीडिया में सूत्रों के हवाले से खबर आ गई है कि कच्चे तेल के दामों में बढ़ोतरी से देश की शीर्ष तीन पेट्रोलियम कंपनियों को भारी नुकसान हो रहा है। खबर है कि कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि के बावजूद ईंधन के दाम नहीं बढ़ाने की वजह से नवंबर 2021 से मार्च 2022 तक 2.25 अरब डॉलर (करीब 19,000 करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ है।
जी हां, जनता को मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस की एक रिपोर्ट के हवाले से बताया जा रहा है कि इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOCL), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (HPCL) को ईंधन कीमतें नहीं बढ़ाने की वजह से यह नुकसान झेलना पड़ा है। कहा जा रहा है कि देश में चार नवंबर, 2021 से 21 मार्च, 2022 के बीच कच्चे तेल की कीमतों में उछाल के बावजूद ईंधन कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ था। इस दौरान कच्चे तेल का दाम नवंबर के 82 डॉलर प्रति बैरल से अधिक और मार्च के पहले तीन सप्ताह में तो औसतन 111 डॉलर प्रति बैरल रहा था।
लेकिन ये नहीं बताया जा रहा है कि पेट्रोल और डीजल के दामों में करीब 50 प्रतिशत तो टैक्स है, जो कि सरकार चाहे तो कम कर सकती है और तेल कंपनियों के नुकसान की भरपाई भी इससे होगी और आम आदमी को महंगाई का बोझ भी नहीं उठाना होगा।
जानिए कच्चे तेल के दामों का क्या है हाल
चलते -चलते आपको बता दें कि इस समय अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 115 डॉलर प्रति बैरल पर बने हुए हैं। ब्रेंट क्रूड के दाम जहां 118 डॉलर प्रति बैरल हैं वहीं डब्ल्यूटीआई के दाम 111 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड कर रहे हैं।