बीरभूम हिंसा और आगजनी केस में पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को बड़ा झटका लगा है। इस मामले की सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट ने गुरुवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। शुक्रवार को कोर्ट ने अपने आदेश से ममता सरकार को झटका दिया है। दरअसल कोर्ट ने इस मामले की अब सीबीआई जांच का आदेश दिया है।
बता दें कि बीरभूम जिले के रामपुरहाट में टीएमसी नेता की हत्या के बाद हिंसा भड़क गई थी. यहां कई घरों को आग के हवाले कर दिया गया था। आग से जलकर 2 बच्चों समेत 8 लोगों की मौत हो गई थी। इसमें 3 महिलाएं भी शामिल थीं। वहीं एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीरभूम का दौरा किया और मृतकों के परिजनों से मुलाकात की।
हिंसा मामले में 20 लोगों की गिरफ्तारी
बीरभूम हिंसा मामले में अबतक 20 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इस मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई की थी। हालांकि हाईकोर्ट ने पहले खुद सीबीआई जांच की मांग को नकार दिया था और कहा था जांच का पहला मौका राज्य को दिया जाना चाहिए, लेकिन शुक्रवार को अपने फैसले में हाईकोर्ट ने अपनी ही राय के उलट इस मामले में सीबीआई जांच का आदेश दे दिया।
मामले पर कुछ इस तरह से हुआ खुलासा
बीरभूम में हिंसा के मामले में उस वक्त हर कोई हैरान रह गया जब फॉरेंसिक रिपोर्ट आई। फॉरेंसिक रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ। रिपोर्ट के मुताबिक मृतकों को जिंदा जलाने से पहले बुरी तरह से पीटा गया था।
हिंसा मामला जा पहुंचा कोर्ट
बता दें कि पश्चिम बंगाल के बीरभूम में हुई हिंसा का मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। इस याचिका में शीर्ष अदालत के रिटायर जज की अध्यक्षता में SIT गठन कर जांच की मांग की गई है।
मामले की जांच सीबीआई के हवाले
याचिका में कहा गया कि इस मामले में SIT या फिर सीबीआई से इस मामले की जांच कराई जाए। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश से पहले ही हाईकोर्ट ने इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में जो याचिका दायर की गई है वो हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की ओर से दाखिल की गई है