
संदीप पुंडीर
हाथरस। रंग, गुलाल और हींग के अलावा हाथरस की पहचान अब पूजन सामग्री के कारोबार के लिए भी बनती जा रही है। यहां बन रही पूजन सामग्री देश-विदेश के बाजारों में धाक जमा रही है। घर-घर में अब हाथरस में बन रही पूजन सामग्री से पूजा की जा रही है। हाथरस पूजन सामग्री के कारोबार का नया हब बनकर उभर रहा है। पिछले करीब 20 वर्षों से शहर में पूजन सामग्री के उत्पादन का कारोबार चल रहा है। समय के साथ इस कारोबार ने भी देशभर में पकड़ बना ली है।
नवरात्र, हनुमान जयंती, शनि जयंती, दिवाली जैसे मौकों पर देशभर में पूजन सामग्री भेजी जाती है। करीब एक दर्जन फैक्टरियां पूजन सामग्री का उत्पादन करती हैं। इस समय नवरात्र को देखते हुए फैक्टरियों में तेजी से काम चल रहा है। शहर में कई जगहों पर पूजन सामग्री बनाने का काम बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। निर्माताओं की मानें तो आधुनिक पैकिंग और गुणवत्ता की वजह से हाथरस में निर्मित पूजन सामग्री को पसंद किया जाता है। मथुरा, वृंदावन में खासतौर से यहां की पूजा सामग्री का उपयोग होता है। देश के बाहर से आने वाले श्रद्धालु भी यहां से पूजन सामग्री खरीदकर ले जाते हैं। कारोबारियों के लिए फायदेमंद बात यह है कि यह पूजा सामग्री सभी तरह के करों से मुक्त है, इसलिए कारोबारी इस व्यवसाय में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। हाथरस शहर में रोली, सिंदूर, चंदनचूरा, चंदन तिलक, अश्वगंध, पेवड़ी, हवन सामग्री, धूप, ईंगुर, पूजा सामग्री किट आदि सामग्रियों का उत्पादन होता है।