
डाॅ श्वेता त्यागी के ग़ज़ल संग्रह “जरा संभल के चलो” का विमोचन हुआ
गाजियाबाद। विश्व प्रसिद्ध शायर विजेंद्र सिंह ‘परवाज’ के 79 वे जन्मदिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित कवि सम्मेलन का श्रोताओं ने देर रात तक आनंद लिया। इस अवसर पर शायरा डाॅ श्वेता त्यागी ‘श्वेता’ के ग़ज़ल संग्रह “ज़रा सँभल के चलो” का विमोचन भी हुआ।
कवि नगर के लायंस क्लब सभागार में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता विधायक अतुल गर्ग ने की। मुरादनगर के विधायक अजीत पाल त्यागी, पूर्व मंत्री बालेश्वर त्यागी, वरिष्ठ भाजपा नेता बलदेव राज शर्मा व पृथ्वी सिंह कसाना, दिल्ली उर्दू एकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष डाॅ शहपर रसूल, शायर विजेंद्र सिंह परवाज़ और आर एस त्यागी व डाॅ अतुल त्यागी ने ग़ज़ल संग्रह का विमोचन किया। विमोचन के बाद हुए कवि सम्मेलन में कवि व शायर विजेंद्र सिंह परवाज़, डाॅ शहपर रसूल, डाॅ रमा सिंह, राज कौशिक, मासूम गाजियाबादी, मनोज कुमार मनोज, सुधीर शर्मा अनुपम, अमित शर्मा, डाॅ श्वेता त्यागी श्वेता और कृष्णा शर्मा दामिनी ने काव्यपाठ किया।

शायर विजेंद्र सिंह परवाज़ को इस ग़ज़ल पर लोगों ने खूब दाद दी –
जब अमीरी में मुझे गुरबत के दिन याद आ गए
कार में बैठा हुआ पैदल सफर करता रहा।
डाॅ शहपर रसूल के इस शेर पर श्रोताओं ने जमकर तालियां बजाई-
मैंने भी देखने की हद कर दी
वो भी तस्वीर से निकल आया
शायर राज कौशिक को इन अशशार पर खूब दाद मिली-
फेंकी सियाही दुनिया ने जितनी उछाल के
चादर रखी है हमने भी उतनी संभाल के
अब ये नसीब अपना है, पासा किधर गिरे
बेफिक्र वो तो हो गए सिक्का उछाल के
शायरा श्वेता त्यागी के ये शेर बहुत सराहे गए-
तुम्हें ज़ियादा नशा है, ज़रा संँभल के चलो
सभी का ध्यान लगा है ,ज़रा संँभल के चलो
तुम अपनी चाल में शाइस्तगी करो पैदा
ज़माना देख रहा है ,ज़रा संँभल के चलो
कवयित्री डाॅ रमा सिंह की ये पंक्तियाँ बहुत पसन्द की गई-
मौन की आँख में जो पानी है
जज़्ब करने की ये निशानी है
मेरे लफ़्ज़ों पे गौर मत करना
जलती – बुझती मेरी कहानी है।।
मेरठ से पधारे हास्य कवि सुधीर शर्मा अनुपम ने लोगों को खूब हँसाया-
मुहोब्बत गुनाह तो नहीं दोस्त लेकिन
यहाँ सल्तनत को भी झुकना पड़ा है।
शराफत की बीवी से करके मुहोंब्बत
शराफत के बच्चों से ठुकना पड़ा है।
कार्यक्रम का संचालन शायर राज कौशिक ने किया। वरिष्ठ पत्रकार रमेश शर्मा व पंकज तिवारी, भाजपा महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा, महामंत्री पप्पू पहलवान, कवि पीयूष मालवीय, रूपा राजपूत, राजीव पांडेय, वंदना कुँवर रायज़ादा, डॉ जयप्रकाश मिश्र, कुशल कुशवाहा, इंदु शर्मा, ममता लड़ीवाल, डॉ प्रभात त्यागी, आलोक शर्मा, मनमोहन मित्तल सहित बडी संख्या में लोग मौजूद रहे। अंत में डॉ अतुल त्यागी ने सभी का आभार व्यक्त किया।