
सीतापुर। बैंकर्स की समीक्षा बैठक में सोमवार को डीएम विशाल भारद्वाज का पारा सातवें आसमान पर था। वह जो कोई भी जानकारी बैंकों से मांग रहे थे वह आधी-अधूरी मिल रही थी। यहां तक कि कई बैंकर्स तो कुछ बता ही नहीं पा रहे थे। इस पर डीएम विशाल भारद्वाज नाराज हो उठे और उन्होंने कहा कि ऐसा बैठकों के करने से क्या फायदा जिसका कोई मतलब ही न निकले। सक्षम अधिकारी आते नहीं है। जो भेजे जाते हैं उन्हें कुछ पता नहीं होता है। जिससे बैठक में उठने वाली समस्याएं जैसी की तैसी ही बनी रहती है। ऐसी बैठक का कोई मतलब नहीं।
बैंकर्स बैठक में डीएम के सवालों का जबाब नहीं दे पा रहे थे अधिकारी
दरअसल सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में बैंकर्स योजनाओं की समीक्षा बैठक डीएम विशाल ले रहे थे। समीक्षा के दौरान वह जो भी पूछते बैंक अधिकारी उसका सही से जबाब नहीं दे पा रहे थे केवल पंजाब बैंक का अच्छा कापर्य देख उन्होंने वहां मौजूद श्री शुक्ल की पीथ थपथपाई। बैठक में उन्होंने ऋण जमा अनुपात की समीक्षा, वार्षिक ऋण योजना 2020-21 के तहत बैंको के कार्य निष्पादन की समीक्षा, के०सी०सी० तथा अन्य कृषि ऋण, पी०एम० किसान योजना, सरकार द्वारा प्रायोजित ऋण योजनाओं की प्रगति की समीक्षा।
स्वनिधि ऋण की समीक्षा, स्वयं सहायता समूह-बैंक लिंकेज-एनआरएलएम/एनयूएलएम के तहत प्रगति की समीक्षा, बुनकरों हेतु प्रधानमंत्री मुद्रा ऋण योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना व स्टैण्ड अप इण्डिया की प्रगति समीक्षा, सीतापुर जनपद को 100 प्रतिशत डिजिटलाईजेशन प्रगति समीक्षा, बैंक देय वसूली की समीक्षा, आरसेटी में बी०सी० सखी की प्रगति समीक्षा, वित्तीय परामर्शदाता के कार्य निष्पादन की समीक्षा
किसान की आय को 2022 तक दोहरी करना, वित्तीय वर्ष 2021-22 की वार्षिक ऋण योजना का अनुमोदन तथा अन्य विषय पर डीएम ने वार्ता की। इस मौके पर सीडीओ अक्षत वर्मा, डीडीओ राकेश पांडेय, डीसी मनरेगा एसके श्रीवास्तव समेत विभिन्न बैंक के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।