कैंसर के प्रति देश में जागरूकता का स्तर बेहद कम: डा. मनोज तायल

लियाकत मंसूरी

मेरठ। भारत में कैंसर महिलाओं व पुरुषों की अकाल मृत्यु का बड़ा कारण है। ग्लोबाकैन-2020 इंडिया डाटा के मुताबिक, कैंसर से मौत के 13.24 लाख मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 11.42 फीसदी मरीज ओरल कैंसर से मारे गए। वैश्विक स्तर पर 40 साल से कम उम्र की 7 फीसदी आबादी ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रही है जबकि, भारत में यह दर दोगुनी यानी 15 फीसदी है। उक्त बातें विशेष बातचीत के दौरान, मैक्स हॉस्पिटल पटपड़गंज नई दिल्ली में रेडिएशन आॅन्कोलॉजी विभाग के निदेशक डा. मनोज तायल ने कहीं। दैनिक भास्कर से विशेष बातचीत में उन्होंने बताया, यह बीमारी महिलाओं की मृत्यु का प्रमुख कारण है। वहीं ओठ, ओरल कैविटी तथा ओसोफेगल कैंसर समेत सिर और गले के कैंसर खासकर पुरुषों में मौत का दूसरा कारण हैं। कुल मिलाकर इस तरह के कैंसर से लगभग 25 फीसदी मृत्यु होती है। भारत में पिछले साल कैंसर के मरीजों की दर्ज संख्या में 18 फीसदी की वृद्धि हुई है। बताया, देश में कैंसर के बढ़ते मामलों से साबित होता है कि लोगों में इस बीमारी के बारे में जागरूकता स्तर बहुत कम है। शुरूआती पहचान नहीं कराने के कारण मरीज का जीवन स्तर खराब हो जाता है। हाल के आंकड़े बताते हैं कि विकासशील देशों में कैंसर के मामले बड़ी तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन साथ ही कैंसर के इलाज में कई आधुनिक चिकित्सा पद्धतियां भी उपलब्ध हो गई हैं। हालांकि, ज्यादातर लोग जानकारी के घोर अभाव तथा कैंसर के इलाज से जुड़े मिथकों के कारण इस तरक्की का लाभ नहीं उठा पाते हैं। कहा, रेडिएशन थेरापी में हाल की हुई प्रगति से ऐसे कैंसरों का इलाज भी अब संभव हो गया है, जिनका सर्जरी या कीमोथेरापी से इलाज नहीं हो सकता है। हम सर्जरी के बाद रेडिएशन थेरापी के जरिए कैंसर की पुनरावृत्ति की संभावना खत्म कर सकते हैं और प्रभावित हिस्सों को पूरी तरह कैंसर मुक्त तथा दोहराव से मुक्त कर सकते हैं। रेडिएशन में हुई प्रगति से पटरी पर लौट रही जिंदगी रेडिएशन में हुई प्रगति से हम बाएं हिस्से के ब्रेस्ट कैंसर का भी इलाज कर सकते हैं और दिल को बिना नुकसान पहुंचाए सुरक्षित रख सकते हैं। रेडिएशन सिर और गर्दन के कैंसर के ऐसे मरीजों के लिए वरदान साबित हुआ है जो इस तरक्की की बदौलत सामान्य जिंदगी में लौट सकते हैं। मेरठ में हुई विशेष आॅन्कोलॉजी ओपीडी सेवाएं शुरू जानकारी देते हुए श्री तायल ने बताया, यहां गढ़ रोड स्थित मैक्स पेशेंट असिस्टेंस सेंटर में कैंसर के इलाज के लिए विशेष आॅन्कोलॉजी ओपीडी सेवाएं शुरू की है। यह ओपीडी हर महीने के पहले और तीसरे गुरुवार-शुक्रवार को सुबह 10 बजे से दोपहर एक बजे तक खुलेगी। इस दौरान मैक्स हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने कैंसर के बढ़ते मामलों और उपलब्ध आधुनिक उपचार पद्धतियों के बारे में विस्तार से बताया।

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