भास्कर समाचार सेवा
काशीपुर। चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ नव संवत्सर 2079 के साथ हो गया। चैत्र मास के नवरात्रि के प्रथम दिन मां भगवती के प्रथम स्वरूप के रूप में शैलपुत्री देवी की आराधना एवं भक्ति की गई। सुबह से ही देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं की कतारें लगी रहीं।
दो वर्षों बाद खुले मंदिर, भक्तों ने लगाए मां के जयकारे
शनिवार को विभिन्न मंदिरों में मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री के पूजन और अर्चना करने के लिए मां के भक्तों की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिलीं। नगर के मां मंशा देवी शक्तिपीठ मंदिर, मां चामुंडा देवी शक्तिपीठ मंदिर के अलावा मां बाल सुंदरी देवी मंदिर, चौराहे वाली माता मंदिर समेत अनेक मंदिरों में मां के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा की गई। मंदिरों में सुबह से ही मां के भक्त लंबी लंबी लाइनों में लगकर अपनी-अपनी बारी आने की प्रतीक्षा करते दिखे।
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मंदिरों में लगा श्रद्धालुओं का तांता
मां चामुंडा मंदिर करीब सौ वर्ष पुराना है। यहां की मान्यता है कि यहां जो भी श्रद्धालु अपनी मन्नत और मनोकामना मांगता है, वो जरूर पूरी होती है। वहीं भक्त मंदिरों के साथ साथ घरों में भी पूजा करते दिखे। दो साल से चैत्र नवरात्र के अवसर पर कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के चलते पूजा नहीं हो पाई थी और मंदिर नहीं खुल पाए थे।
देवी के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना की
ऐसे में एक बार फिर मंदिरों में रौनक दिखाई दी तो श्रद्धालुओं के चेहरे खुशी से खिल उठे। वही मंदिर के मुख्य पुजारियों ने मंदिरों में आने वाले श्रद्धालुओं से अभी भी कोरोना गाइडलाइन का पालन करने की सलाह दी तथा किसी भी तरह कोताही न बरतने की हिदायत भी दी।