लखनऊ । उत्तर प्रदेश विधानमंडल के दोनों सदन में अनुपूरक बजट पेश करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को दावा किया कि उनकी सरकार ने राजस्व में बड़ी वृद्धि हासिल की है। साथ ही प्रथम अनुपूरक बजट का अधिकतर हिस्सा अब तक खर्च हो चुका है। ऐसे में प्रदेश के आधारभूत ढांचे को विकसित करने, सफाई व स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से राज्य सरकार दूसरा अनुपूरक बजट लेकर आयी है। विधान मंडल के सेंट्रल हाल में मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि उनकी सरकार ने आज दूसरा अनुपूरक बजट पेश किया है। देश का सबसे बड़ा राज्य होने के नाते उनकी सरकार ने वर्ष 2018-19 के लिए चार लाख 28 हजार करोड़ का सबसे बड़ा बजट प्रस्तुत किया था। बिना भेदभाव के काम करने के लिए बजट के आकार को बढ़ाया गया था।
बाद में अगस्त माह में सरकार ने 38 हजार करोड़ से अधिक का पहला अनुपूरक बजट पारित कराया था। कई विभागों के राजस्व ने भरा प्रदेश का खजाना योगी ने कहा कि उनकी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए अब तक जो बजट पारित कराया था, उसका बड़ा हिस्सा विभागों द्वारा 30 नवम्बर तक खर्च किया जा चुका है। उन्होंने यह भी दावा किया कि इस दौरान प्रदेश ने राजस्व में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। नवम्बर माह तक वस्तु एंव सेवा कर (जीएसटी) द्वारा प्रदेश को 9970 करोड़ रुपये अतिरिक्त राजस्व की प्राप्ति हुई। इसी तरह आबकारी विभाग द्वारा 4895 करोड़, स्टाम्प से 1594 करोड़, खनन से 658 करोड़, परिवहन से 400 करोड़ और मंडी समिति से 218 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय हुई। अगला वित्तीय बजट आएगा फरवरी में मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि मंडी समिति के माध्यम से प्रदेश में अच्छा काम हो रहा है। इसीलिए 234 मंडियों के विस्तारीकरण का काम चालू किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश में शौचालय, प्रधानमंत्री आवास योजना, आयुष्मान भारत योजना समेत कई योजनाओं पर बेहतर काम हो रहा है।
बेहतर कनेक्टिविटी के लिए सड़कों और हवाई अड्डों का निर्माण हो रहा है। इसके अलावा बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए प्रदेश में 15 नये मेडिकल कॉलेज और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के नाम पर चिकित्सा विश्वविद्यायल बनाने के लिए राज्य सरकार को दूसरे अनुपूरक बजट की सख्त आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार अगले वित्तीय वर्ष का बजट फरवरी माह में प्रस्तुत करेगी। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के लिए 3000 हजार करोड़ रुपये पूर्व में योगी सरकार ने विपक्ष के भारी हंगामे के बीच विधान मंडल के दोनों सदन में 8054.49 करोड़ रुपये से अधिक का अनुपूरक बजट पेश किया। इस दूसरे अनुपूरक बजट में योगी सरकार ने स्वच्छता और बिजली पर खास फोकस किया है। साथ ही अयोध्या और प्रयागराज को भी अहमियत दी गयी है।
दूसरे अनुपूरक बजट में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के लिए सबसे ज्यादा 3000 करोड़, दीन दयाल ग्राम ज्योति योजना में 2935 करोड़, सड़कों के लिए 200 करोड़, जेवर एयरपोर्ट के लिए 300 करोड़, अयोध्या एयरपोर्ट के लिए 200 करोड़, प्रयाग कुम्भ मेला के लिए 100 करोड़, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के मानदेय के लिए 25 करोड़, ग्राम पहरी के बढ़े मानदेय के लिए 48 करोड़, लखनऊ में अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय के लिए 10 करोड़, बस्ती, अयोध्या, शाहजहांपुर, बहराइच में जिला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज बनाने के लिए एक-एक लाख रुपये की टोकन मनी और गांवों में सेतु निर्माण के लिए 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है।
विपक्षी वेल में करते रहे हंगामा अनुपूरक बजट पेश करने के बाद विधानसभा में हंगामे के बीच ही कई विधेयक भी प्रस्तुत किये गये। बीच-बीच में विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने विपक्षी सदस्यों को समझाने की कोशिश की लेकिन सपा, बसपा और कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष के विधायक लगातार वेल में खड़े होकर कानून व्यवस्था के मुद्दे पर हंगामा करते रहे। ऐसी स्थिति में विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया। विधानमंडल का शीतकालीन सत्र मंगलवार से प्रारम्भ हुआ है। पहले दिन पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी और भाजपा विधायक राम कुमार वर्मा के निधन पर शोक प्रस्ताव के बाद विधानसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी। गुरुवार को सदन में अनुपूरक बजट पर चर्चा होगी।