वाराणसी : शक्ति की आराधना का महापर्व है नवरात्रि. इन 9 दिनों में मां के नौ रूपों की श्रद्धालु उपासना करते हैं. इस बार चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल से शुरू हो चुकी है, जोकि 11 अप्रैल तक रहेगी. इस दौरान देवी मंदिरों के बाहर भक्तों की लंबी कतारें लग रही हैं. धर्म नगरी काशी में देवी के कई सिद्ध मंदिर हैं. इस नगरी में एक ऐसा अनोखा मंदिर है, जहां मां दुर्गा नौ रूपों में विराजमान हैं. यहां एक ही विग्रह में नौ देवी के दर्शन होते हैं. सिद्धि ऐसी है कि औरंगजेब भी इस मंदिर को नहीं छू पाया था.
सैकड़ों साल पुराने इस मंदिर की कई मान्यताएं हैं. पहली मान्यता है कि यहां मां की प्रतिमा स्थापित नहीं है, बल्कि वह स्वयं विराजित हैं. यहां दर्शन करने आए श्रद्धालुओं का कहना है कि जो भी इस दरबार में आकर श्रद्धापूर्वक दीप जलाता व मां को चुनरी चढ़ाता है मां उसे शुभाशीष देती हैं. इस प्राचीन नवदुर्गा मंदिर में माता सभी की मनोकामनाएं पूरी करती हैं.
शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री इन नौ रूपों में देवी यहां विराजमान हैं. नवरात्र के दिनों में यहां श्रद्धालुओं की भीड़ बड़ी संख्या में जमा होती है. मंदिर के महंत ने बताया कि इस प्राचीन मंदिर की कई मान्यताएं हैं. कहा जाता है कि औरंगजेब काशी में मंदिरों को तुड़वा रहा था उस वक्त भी उसके सैनिक इस मंदिर को नहीं छू पाए थे. मान्यता यह भी है कि माता यहां स्वयंभू हैं और यहां दर्शन करने वालों को नौ देवी के दर्शन प्राप्त होते हैं. श्रद्धालु नौ दिन माता के इस मंदिर में आकर दर्शन कर लें तो उसे नवदुर्गा का आशीर्वाद मिलता है.