मुख्यमंत्री केजरीवाल के घर के बाहर तोड़फोड़ के मामले में आठ आरोपितों को नहीं मिली जमानत

नई दिल्ली। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने 30 मार्च को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर पर भाजपा कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई तोड़फोड़ के मामले में आठ आरोपितों की जमानत याचिका खारिज कर दी है। एडिशनल सेशंस जज नवीन कश्यप ने कहा कि आरोपितों ने जानबूझ कर तीन बैरीकेड पार करते हुए सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया।

कोर्ट ने कहा कि मामले की जांच शुरुआती चरण में है। सीसीटीवी फुटेज इत्यादि की जांच की जा रही है। ऐसे में जांच प्रभावित हो सकती है। इसलिए आरोपितों की जमानत याचिका खारिज की जाती है। कोर्ट ने जिन आरोपितों की जमानत याचिका खारिज करने का आदेश दिया उनमें चंद्रकांत भारद्वाज, नवीन कुमार, नीरज दीक्षित, सन्नी, जितेन्द्र सिंह बिष्ट, प्रदीप कुमार त्रिवेदी, राजू कुमार सिंह और बबलू कुमार शामिल हैं। इन आरोपितों के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 186, 188, 332, 353, 143, 147 और प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रोपर्टी एक्ट की धारा 3 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

सुनवाई के दौरान आरोपितों की ओर से पेश वकीलों ने कहा कि आरोपी निर्दोष हैं और उनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है। सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा कि आरोपितों ने मुख्यमंत्री आवास के पास पुलिस के तीन स्तरीय बैरिकेडिंग को पार कर निर्धारित स्थान से अलग आवास के गेट पर प्रदर्शन किया और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। दिल्ली पुलिस ने कहा कि यह एक गंभीर और सोची समझी आपराधिक कार्रवाई है।

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