जितेंद्र कुंडू
मुरादनगर। अयोध्या में रामलला को अपना स्थान मिलने के साथ ही क्षेत्र के गांव सुराना में 17 साल बाद नवरात्रों में माता को मिला अपना स्थान। ग्रामीणों के साथ बड़ी संख्या में महिलाओं भी रही। गांव में शोभा यात्रा धूमधाम से निकालने के बाद मां की प्रतिमा मंदिर में स्थापित की। इस उपलक्ष में तीन दिवसीय नवरात्र मेले का भी आयोजन किया गया है। जो नवमी तक चलेगा जिसमें श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या पहुंच रही है ।गांव में प्राचीन मनसा देवी का मंदिर था। भूमि विवाद के कारण माता को मंदिर से बाहर कर दिया गया था। तभी से मां की मूर्ति गांव के ही एक श्रद्धालु ने अपने घर में स्थापित कर पूजा अर्चना कर रहे थे। 17 वर्ष से नवरात्र में 1 दिन के लिए मां की प्रतिमा को मंदिर में स्थापित किया जाता था और दोबारा फिर उसी घर पहुंचा दिया जाता था।अब प्रतिमा को दोबारा उनके मंदिर में स्थापित होने में आ रही परेशानियां दूर हुई। जिस पर श्रद्धालुओं ने भव्य आयोजन के साथ लाला शिवचरण दास के मकान के पास से अपने भवन सतबीर भगत के यहां से पूरे गांव में से होते हुए उनके प्राचीन स्थान पर ही स्थापित किया है। ग्राम वासियों ने बताया कि गांव में प्राचीन श्री धूमेश्वर महादेव मंदिर के निकट ही यह 500 वर्ष पुराना मंदिर था। प्रत्येक वर्ष मेला भी लगता था। लेकिन जमीनी विवाद के कारण 17 वर्ष तक माता की प्रतिमा को मंदिर से बाहर रहना पड़ा। दोबारा प्राण प्रतिष्ठा के बाद लोगों में प्रसन्नता है।
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