लखीमपुर खीरी : तीन वर्षों से एक करोड़ 64 लाख की लागत से हो रहा गौशाला का निर्माण

दूसरी किस्त ना आने की वजह से गौशाला का निर्माण कार्य बंद

मैलानी खीरी : उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी कान्हा गौशाला योजना अधिकारियों की लापरवाही के चलते खटाई में पड़ती जा रही है,कस्बा मैलानी से सटे ग्राम कोरियानी में पिछले 3 वर्षों से एक करोड़ 64 लाख की लागत से गौशाला का निर्माण हो रहा है,दूसरी किस्त ना आने की वजह से इस समय निर्माण कार्य बंद है।प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सड़क पर घूमने वाले छुट्टा जानवरों को आश्रय देने के उद्देश्य से गौ आश्रय केंद्रों के निर्माण की योजना लागू की थी। सरकार की मंशा थी कि इससे किसानों की फसलों को नुकसान से बचाया जा सकेगी साथ ही कस्बे एवं गांव में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। सीएम योगी की ड्रीम प्रोजेक्ट मानी जाने वाली यह योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। जिले की नगर पंचायत मैलानी से सटे ग्राम कुर्यानी में एक करोड़ 64 लाख रुपये की लागत से बनायी जा रही गौशाला में 82 लाख खर्च कर दिए गए लेकिन यहां की बदहाली देखकर आप खुद अंदाजा लगा लेंगे कि सरकारी धन को यहां किस कदर पानी में डुबोया गया है। 
गौशाला के लिए जमीन चयन मे लेकर उसके निर्माण तक कदम दर कदम भ्रष्टाचार का जबरदस्त खेल खेला गया सबकुछ देखने और जानने के बावजूद जिले के अफसर मौन रहे।सत्ता के रसूख के आगे जिले के अफसर इस भ्रष्टाचार पर भले ही मौन हैं लेकिन गौशाला के भीतर पड़े बेज़बान पत्थर भ्रष्टाचार की गवाही दे रहे हैं।इस गौशाला में किए गए भ्रष्टाचार और सरकारी धन के दुरुपयोग को लेकर जब यहां के स्थानीय लोगों से बात की गई तो उनका कहना था कि इस गौशाला तक पहुंचने के लिए ना तो रास्ता है और न ही पशुओं के शेड का निर्माण ठीक से कराया गया। मिट्टी पटाई भी नहीं कराई गई। बरसात के दिनों में आधे से ज्यादा गौशाला पानी मे डूबी रहती है।सरकारी धन का बंदरबांट कर लिया गया। अगर पूरा पैसा यहां खर्च कर दिया जाता तो इसकी तस्वीर बदल सकती थी। 

इस पूरे मामले को लेकर जब नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी राजेश चौधरी से बात की गई तो उन्होने सिर्फ इतना कहा कि यह प्रकरण उनके समय का नहीं है।अगली किस्त इस माह के अंत तक आने की संभावना है एवं इस पूरे मामले की जांच उच्च स्तरीय टीम कर रही है।

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