Weather : सूरज की तपिश से लोगों का बुरा हाल, तेज हवाओं संग बारिश की गुंजाइश

देश कई इलाकों में इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है। इससे लोग काफी परेशान हैं। खास तौर पर उत्तर भारत के कई इलाकों में पारा 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जिसके चलते लोग घरों से निकलने से भी कतरा रहे हैं। लू और भीषण गर्मी के बीच भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने अगले तीन दिन तक कई राज्यों में भीषण गर्मी के साथ लू की संभावना जताई है, वहीं कुछ राज्यों में तेज हवाओं के साथ बारिश का भी अलर्ट जारी किया है। बता दें कि बीते कुछ दिनों से उत्तर भारत के कई राज्यों में लू का प्रकोप जारी है। हालांकि राजधानी दिल्ली में तेज हवाओं के चलते तापमान में मामूली गिरावट दर्ज की गई है।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD ) के मुताबिक, मौसम के मिजाज में बदलाव की वजह पश्चिमी विक्षोभ को बताया जा रहा है। इसके चलते जम्मू कश्मीर और आसपास के इलाकों में एक चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के रूप में देखा जा रहा है।

इन राज्यों में चलने वाली है लू

IMD के मुताबिक अगले 24 घंटों के दौरान उत्तर भारत के कई राज्यों में भीषण गर्मी लोगों की परेशानी बढ़ा सकती है। इसके तहत पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में लू चलने का भी अनुमान जताया गया है।

इन राज्यों में गर्म हवाएं देने वाली है दस्तक

मौसम विभाग के मुताबिक 19 अप्रैल तक मैदानी इलाकों के साथ ही पहाड़ी इलाकों में गर्म हवा चलने के आसार बने हुए हैं। इनमें राजधानी दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान प्रमुख रूप से शामिल हैं। इन राज्यों में 16 से 18 अप्रैल के बीच गर्म हवाएं चलेंगी। जबकि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश में भी लू की चेतावनी जारी की गई है।

जानिए किन राज्यों में बारिश से मिलेगी निजात

मौसम की जानकारी देने वाली निजी संस्था स्काईमेटवेदर ने देश के कुछ राज्यों में बारिश का अलर्ट भी जारी किया है। इसके मुताबिक केरल, तमिलनाडु, असम, मेघालय जैसे राज्यों में रविवार तक हल्की से मध्यम बारिश के आसार हैं। इसके साथ ही पूर्वोत्तर भारत और पश्चिमी हिमालय के बाकी हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश संभव है।

इन क्षेत्रों में चक्रवाती हवाओं को क्षेत्र के रूप में देखा जा रहा

विक्षोभ को जम्मू कश्मीर और आसपास के इलाकों में एक चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के रूप में देखा जा रहा है। चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पूर्वोत्तर उत्तर प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों पर बना हुआ है। दक्षिण पूर्व अरब सागर और लक्षद्वीप क्षेत्र के आसपास के हिस्सों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है।

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