बेलसर,गोंडा। सरकार भले ही स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारने का प्रयास कर रही है ,लेकिन विभागीय कर्मचारी, व अधिकारी सरकार की मंशा पर पानी फेर रहे है ,तीन माह से सीएचसी परसपुर का पीएचसी मंगुरा बाजार डॉक्टर के विहीन होने के कारण बंद है ,मरीज परेशान होकर प्राइवेट डॉक्टरों की शरण ले रहे है।
विकास खंड परसपुर के ग्राम पंचायत मंगुरा बाजार में करीब दो दशक पूर्व करोड़ों रुपए खर्च करके पीएचसी का निर्माण किया गया था ।परिसर में ही डॉक्टरों के रहने के लिए आवास ,पानी की टंकी शौचालय का निर्माण भी कराया गया था ।लेकिन चिकित्सालय पर कोई डॉक्टर कभी नहीं रुका ,देख रेख के अभाव में डॉक्टरों के लिए बनाया गया आवास जंगल व झाड़ियों में तब्दील हो गया है ।वही पीएचसी पर चिकित्सकों सहित अन्य स्टाफ की कमी होने लगी,जिससे मरीजों का अस्पताल का मोह भंग होने लगा ।
करीब तीन माह पूर्व इकलौता चिकित्सक डॉक्टर अभिनव यादव को भी विभाग के उच्चाधिकारियों ने बेलसर सीएचसी पर स्थांतरित कर दिया । उनके स्थान पर किसी की तैनाती भी नही दी गई ।पीएचसी पर डॉक्टर न रहने से तीन माह से ताला लग गया ।जिससे हजारों लोगो की स्वास्थ्य सेवाए प्राइवेट डॉक्टरों के हाथो रह गई ।पीएचसी मंगुरा के अधीन ,मंगुरा ,खजुरी ,कापनी,धमरैया,सालपुर पाठक ,खरगूपुर, सुसुंडा,धर्मनगर,बेलवा,नीरपुर,नर्दा, बक्सैला सहित क्षेत्र की करीब पच्चीस हजार लोगो के स्वास्थ्य की देखभाल करने की जिम्मेदारी है।
निहालपुरवा निवासी शिक्षक जगदीश सिंह ने बताया की तीन माह से अस्पताल बंद है जिससे निशुल्क मिलने वाली दवा अब पैसे देकर निजी चिकित्सक से दवा लेनी पड़ती है।मन्नी पुरवा निवासी शिव शंकर मिश्र ने बताया सरकार ने अस्पताल बना दिया लेकिन जब डॉक्टर ही नहीं है तो अस्पताल बनाए जाने का क्या लाभ ।श्री चंद्र पांडेय ने बताया की उनके भाई की दवा मंगुरा अस्पताल से चल रहीं थी लेकिन अस्पताल बंद होने के कारण दवा बंद हो गई है।अब प्राइवेट डॉक्टरों से दवा ले रहे है जहा दाम अधिक फायदा कम मिल रहा है।
सीएचसी अधीक्षक परसपुर लवकेश शुक्ल ने बताया डॉक्टर की तैनाती के लिए जिले के उच्च अधिकारियों को पत्र लिखा गया है।बताया तब तक के लिए दो सी एच ओ की तैनाती की गई है ।जो जल्द ही अस्पताल संचालन शुरू कर देंगे ।