हाथरस डिपो में बसों का रखरखाव भगवान भरोसे

संदीप पुंढीर
हाथरस। इन दिनों हाथरस डिपो में बसों का रखरखाव भगवान भरोसे हैं। क्योकि बसों की हालत खस्ता बनी हुई हैं। कहीं बसे क्षतिग्रस्त हालात में है तो कहीं बसों में शीशे तक नहीं है। इसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। बिना शीशे की बस में सफर के दौरान यात्री लू के थपेड़े खा रहे हैं। इस पर डिपो के अधिकारियों का ध्यान नहीं है।
बताते है कि हाथरस डिपो में वर्तमान में 77 बसें हैं। इनमें कई बसें निर्धारित किलोमीटर पूरे करने के साथ समय अवधि भी पूरी कर चुकी हैं। आमदनी के ग्राफ को बढ़ाने के लिए बसों का संचालन किया जा रहा है। आए-दिन बसें बीच रास्ते में यात्रियों का साथ छोड़ देती हैं। इसमें से 10 बसें काफी पुरानी हैं। इन बसों को दुरुस्त करने के बाद संचालन के दौरान आए-दिन खामियां आती रहती हैं। इस कारण यह बसें चालकों के लिए मुश्किलें खड़ी करती रहती हैं।
ग्रामीण अंचल में चलने वाली बस में पीछे का शीशा ही नही था। बस यात्रियों के साथ गंतव्य की दूरी तय कर रही है। बस में सवार यात्री लू के थपेड़ों के सहारे सफर करते हुए नजर आ रहे हैं। इससे डिपो के अधिकारी अनजान बने हुए हैं।

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