ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के भारत दौरे का आज दूसरा दिन है। पीएम मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के बीच दिल्ली के हैदराबाद हाउस में बैठक हुई। इस दौरान दोनों देशों के बीच रिफॉर्म, हमारे इन्फ्रास्ट्रक्चर मॉर्डनाइजेशन प्लान और पाइपलाइन पर चर्चा हुई।
अमृत महोत्सव के बीच बोरिस जॉनसन का आना एक ऐतिहासिक पल- पीएम मोदी
बैठक के बाद पीएम मोदी ने कहा कि जब भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। ऐसे में प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का आना ऐतिहासिक पल है। आपने अपनी भारत यात्रा का शुभारंभ साबरमती में गांधी जी को श्रद्धांजलि अर्पित कर किया है। इस दशक में भारत और ब्रिटेन ने संबंधों को दिशा देने के लिए रोडमैप 2030 लॉन्च किया था। आज की बातचीत में रोडमैप की प्रगति को रिव्यू किया और लक्ष्य तय किए हैं।
भारत ने UAE-ऑस्ट्रेलिया संग फ्री ट्रेड एग्रीमेंट का किया समापन
पीएम मोदी ने आगे कहा कि पिछले कुछ महीनों में भारत ने UAE और ऑस्ट्रेलिया के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट का समापन किया है। हम उसी गति और मंशा के साथ ब्रिटेन के साथ भी आगे बढ़ेंगे। हम सभी क्षेत्रों में ब्रिटेन के जरिए आत्मनिर्भर भारत के समर्थन का हम स्वागत करते हैं।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर से रूबरू हुए जॉनसन
इससे पहले जॉनसन ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों के बीच एक्सपेंडिंग पार्टनरशिप और इंडो-यूके रोडमैप 2030 को लागू करने पर चर्चा की हुई। ब्रिटिश पीेएम ने राजघाट पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धाजंलि दी।
गुरुवार को ब्रिटिश पीएम ने गुजरात में अहमदाबाद से अपने भारत दौरे की शुरुआत की। सबसे पहले उन्होंने साबरमती आश्रम जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी और फिर इसके बाद वडोदरा के हलोल में JCB कंपनी की नई यूनिट का उद्घाटन किया। इसके साथ ही भारतीय उद्योगपति गौतम अडाणी से मुलाकात की।
ब्रिटेन में भी रहते है 15 लाख भारतवाशी
ब्रिटेन में भारतीय मूल के 15 लाख लोग हैं, जो वहां की जीडीपी में 6% का योगदान देते हैं। ब्रिटेन में करीब 1 लाख भारतीय छात्र पढ़ते हैं। ब्रिटेन और भारत के बीच बीते दो दशक में व्यापार 3 गुना बढ़ा है। बीते साल भारत ने 51,054 करोड़ का आयात किया, जबकि निर्यात 79,000 करोड़ रुपए रहा। सेवा क्षेत्र को मिलाकर कारोबार 3.81 लाख करोड़ रुपए है।
रणनीतिक साझेदार, सुरक्षा परिषद में समर्थक
ब्रिटेन ने 2004 में भारत के साथ एक रणनीतिक साझेदारी शुरू की थी। वह आतंकवाद, परमाणु गतिविधियों, और नागरिक अंतरिक्ष कार्यक्रम में भारत के साथ है। ब्रिटेन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यानी UN में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करता है।