लखनऊ : खून के सौदागरों पर एसटीएफ का शिकंजा, बनाते थे फर्जी स्टीकर

लखनऊ । राजधानी में मिलावटी खून की सप्लाई के मामले में यूपी एसटीएफ की लखनऊ ईकाई टीम को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। एसटीएफ ने शनिवार को ब्लड बैग पर लगने वाले फर्जी स्टीकर छापने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में एसटीएफ अब तक सात लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। एसटीएफ के एसएसपी अभिषेक ने बताया कि मिलवाटी खून के धंधे करने वाले दो लोगों को एसटीएफ की लखनऊ ईकाई टीम ने गिरफ्तार किया है। इस मामले की जांच कर रहे एसटीएफ के पुलिस उपाधीक्ष अमित नागर ने बताया कि पकड़े गए अभियुक्त मिलावटी खून के ब्ल्ड बैग, स्टीकर और पर्ची तैयार करते थे।

इन लोगों से पूछताछ की जा रही है। शाम तक खुलासा किया जायेगा। गौरतलब है कि बीते माह एसटीएफ की लखनऊ ईकाई टीम ने मिलावटी खून की सप्लाई करने वाले गिरोह का फर्दाफाश किया था। मुख्य आरोपी नसीम समेत राशिद अली, राघवेन्द्र प्रताप सिंह, पंकज कुमार त्रिपाठी और हनी निगम को गिरफ्तार किया था। पूछताछ पर बताया गया था कि वह लोग सलाइन वाटर के माध्यम से एक यूनिट ब्लड को दो-तीन यूनिट में बनाते हैं। इसके बाद वे ब्लड जरुरतमंद को देते है और उनसे मनमुताबिक पैसा लेते हैं।

ब्लड बैग, टैग और अस्पताल व लैब की मुहर यह सब डूप्लीकेट है। मिलावटी ब्लड बैग पर मुहर लगाकर बिल्कूल ऐसा कर दिया जाता है कि मान लो तीमारदार अभी ब्लड बैंक से यह ताजा खून लेकर आया हो। यह ब्लड जिस मरीज को चढ़ता है, उस पर स्लो प्वाइजन की तरह काम करता है और एक या दो साल के भीतर मरीज की मौत हो जाती है। इस गिरोह का खुलासा करने वाले पुलिस उपाधीक्षक अमित नागर ने सभी आरोपियों को जेल भेज दिया। इसके साथ ही उन लोगों की धरपकड़ शुरु कर दी, जो ब्लड बैग पर लगने वाले पर्ची व स्टीकर बनाते थे।