यूपी के बुलंदशहर में हुए बवाल के बाद अब गाजीपुर में शनिवार को PM मोदी की रैली के बाद विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित रूप से निशाद पार्टी के कार्यकर्ताओं की पत्थरबाजी में एक पुलिस कॉन्स्टेबल और दो स्थानीय नागरिकों की मौत हो गई थी. वहीं इस मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 32 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.
#WATCH One constable dead & two locals from the area injured in stone pelting allegedly by Nishad Party workers near Atwa Mor police station in Naunera area, earlier today. #Ghazipur pic.twitter.com/FnviOzuRIU
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 29, 2018
जानिए पूरा मामला
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम के दौरान हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने 32 लोगों के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज किया है और हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ की जा रही है. बता दें कि निषाद समाज के लोग आरक्षण की मांग को लेकर जिले में कई जगहों पर धरना प्रदर्शन कर रहे थे,
इसी बीच पीएम मोदी के कार्यक्रम को देखते हुए पुलिस ने इस समाज के कुछ नेताओं को पहले से ही गिरफ्तार कर लिया था, जिसे लेकर प्रदर्शन करने वालों का आक्रोश भड़क उठा. जब पीएम मोदी कार्यक्रम से वापस जा रहे थे, तब इस समाज के लोगों ने जमकर पथराव किया, जिसमें एक कांस्टेबल सुरेश वत्स की मौत हो गई, जबक कई नागरिक इस हिंसा में घायल हो गए.
गौरतलब है कि शनिवार को गाजीपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाराजा सुहेलदेव को समर्पित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए आए थे. यहां उन्होंने महाराजा सुहेलदेव के नाम पर एक पोस्ट स्टांप जारी कर रैली को संबोधित किया. मृतक पुलिस कॉन्स्टेबल सुरेश वत्स उसी सभा में ड्यूटी पूरी कर के वापस लौट रहे थे. तभी वह पत्थरबाजी का शिकार हो गए. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कॉन्स्टेबल के परिवार को 50 लाख रुपए की सहायता राशि देने का ऐलान किया.
Uttar Pradesh CM #YogiAdityanath announces financial assistance of 50 lakh rupees to family of a police constable who died of stone pelting in #Ghazipur district pic.twitter.com/GmoBi5M50x
— All India Radio News (@airnewsalerts) December 30, 2018
गुस्सा जाहिर करते हुए बेटे ने बोली ये बात
बीच इस मामले में मृतक पुलिसकर्मी सुरेश वत्स के बेटे वीपी सिंह अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि जब पुलिस अपनी खुद की रक्षा नहीं कर पा रही है तो हम उससे क्या उम्मीद रख सकते हैं. अब हम मुआवज़ा लेकर क्या करेंगे.
VP Singh, son of deceased constable Suresh Vats who died in Ghazipur in a stone pelting incident y'day: Police is not being able to protect their own. What can we expect from them?What will we do with compensation now?Earlier,similar incidents took place in Bulandshahr&Pratapgarh pic.twitter.com/2xgarpIDXB
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 30, 2018
उधर, गाजीपुर के सीओ सीटी एम पी पाठक का कहना है कि पथराव में कांस्टेबल की मौत के मामले में 32 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है और 60 अज्ञात लोगों का जिक्र भी एफआईआर में किया गया है. इसके साथ ही कुछ अन्य लोगों को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ की जा रही है.
MP Pathak, CO City, Ghazipur on the stone pelting incident that claimed life of a police constable yesterday: 32 people have been named in the FIR. 60 unnamed people also mentioned in the FIR. A few people have also been arrested. pic.twitter.com/rqTNBdypp5
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 30, 2018
जानकारी के मुताबिक, निषाद समाज के लोग अपने नेता के स्वागत के लिए मेन रोड़ पर आ गए थे, इसी दौरान इस मार्ग से पीएम की सभा के लिए गाड़ियां जा रही थीं, ऐसे में पुलिसकर्मियों ने जब उन लोगों को वहां से हटाने की कोशिश की तो उनका गुस्सा भड़क उठा.
इस हिंसक घटना के बाद उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भीड़ की ओर से किए गए पथराव में पुलिस कांस्टेबल सुरेश वत्स की मौत पर दुख जताते हुए उनके परिवार को 40 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है. इसके साथ ही उन्होंने गाजीपुर के डीएम व एसपी को निर्देशित किया है कि घटना के दोषियों के विरुद्ध सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए.
बता दें कि शनिवार को पीएम मोदी ने गाजीपुर में मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास किया. पीएम मोदी ने यहां एक जनसभा को संबोधित किया. इस रैली में हिस्सा लेने के लिए बड़ी संख्या में बीजेपी कार्यकर्ता शामिल हुए. इसी बीच आरक्षण की मांग को लेकर निषाद समाज के लोगों ने चक्काजाम कर दिया और उनकी तरफ से लगातार हो रही पत्थरबाजी में कांस्टेबल सुरेश वत्स की मौत हो गई.