
देशभर में लगातार कोरोना के मामलों में इजाफा देखने को मिल रहा है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ कोरोना को लेकर अहम बैठक की। इस बैठक में कोरोना के मौजूदा हालातों पर चर्चा हुई साथ ही आने वाले दिनों में किस तरह के कोरोना से निपटना है, इसको लेकर विचार विमर्श किया गया। पीएम मोदी ने कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीनेशन को सबसे बड़ा कवच बताया। उन्होंने कहा कि, भारत में टीकाकरण अभियान सुचारू रूप से चल रहा है। 6 वर्ष से अधिक उम्र वाले बच्चों को लेकर भी वैक्सीनेशन की मंजूरी दे दी गई है। इसको लेकर स्कूलों में भी अभियान चलाने की जरूरत है।
पीएम मोदी ने कोरोना जंग में तीन सी का मंत्र दिया
पीएम मोदी ने कोरोना से जंग में तीन सी का मंत्र दिया। उन्होंने कहा कि, हमें, क्रिएटिव, कलेक्टिव और कॉपरेटिव अप्रोच से करना होगा काम। ताकि कोरोना से जंग में जीत सकें।
Speaking at a meeting with Chief Ministers. https://t.co/WyeQyQS0UQ
— Narendra Modi (@narendramodi) April 27, 2022
पीएम मोदी के संबोधन की बड़ी बातेंबच्चों को टीकाकरण के लिए स्कूलों में चलाना होगा अभियान।
अस्पतालों में भर्ती मरीजों में गंभीर मरीजों का शत प्रतिशत आरटीपीसीआर टेस्ट हो।
सार्वजनिक स्थानों पर कोविड एप्रोपिएड भिहेवियर को अपनाना होगा।
सभी eligible बच्चों को टीका हमारी प्राथमिकता है जिसके लिए हमें स्कूल मे ड्राइव भी चलानी होगी
टीचर और परिजनों को भी इसके लिए तैयार रहना होगा
पीएम मोदी ने कहा कि, हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को अपडेट करने के लिए जो काम हो रहे हैं उन पर भी बात हुई। ये काम तेजी से चलता रहे ये सुनिश्चित किया जाना चाहिए। बेड्स से लेकर वेंटिलेटर तक सब उचित मात्रा में उपलब्ध रहे ये सुनिश्चित करना होगा। जिम्मेवारी तय करना होगी। कहीं कोई गैप है तो टॉप लेवल पर उसे भरने का प्रयास किया जाए।
पेट्रोल डीजल का बोझ कम, तेल पर घटा एक्साइड ड्यूटी
पेट्रोल डीजल का बोझ कम करने के लिे केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी नवंबर में कम की थी। इसके साथ ही राज्य सरकारों से भी अनुरोध किया था। कुछ राज्यों ने तो भारत सरकार की भावना के अनुरूप टैक्स कम कर दिया गया, लेकिन कुछ राज्यों ने इसका लाभ लोगों को नहीं दिया। इसके चलते पेट्रोल-डीजल की कीमतें दूसरे राज्यों के मुकाबले ज्यादा है।
इन राज्यों के लोगों के साथ अन्याय भी है। इससे पड़ोसी राज्यों को भी नुकसान होता है। जो राज्य टैक्स में कटौती करते हैं, उन्हें राजस्व की हानि होती है। केरल, तेलंगाना समेत कई राज्यों ने एक्साइज ड्यूटी नहीं घटाई, जिससे इन प्रदेशों की जनता को खूब नुकसान हुआ। अब आप लोगों से निवेदन है कि, आप जो काम नवंबर में करना था उसे अब लागू करें।