राजनीतिक एक ऐसी सियासत है जो कभी कम नहीं होती, बल्कि ये तो और भी बढ़ती ही जाती हैं। इन सियासतों में हर पार्टी एक-दूसरे को ताने मारने से बाज नहीं आती हैं। चाहे वो बीजेपी हो या फिर कांग्रेस या कोई और पार्टी हो। इन्हें तो अपने कार्यकलापों के आगे किसी और का काम कभी नजर नहीं आता हैं। बता दें कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी वायनाड में राहुल गांधी पर जमकर बरसी, उन्होंने कहा यदि पार्टी उन्हें कहती तो वो वॉयनाड से भी चुनाव लड़ सकती हैं।
इस दौरे ने इन अटकलों को बल दिया है कि अमेठी के बाद क्या वो कांग्रेस नेता राहुल गांधी को उनके निर्वाचन क्षेत्र से बाहर करने की योजना बना रही हैं? कुछ ऐसा ही स्मृति ईरानी ने 2019 के आम चुनावों में उत्तर प्रदेश के अमेठी में किया था। वॉयनाड के दौरे के दौरान वो जनता से मिलेंगी और कई विकास कार्यक्रमों से जुड़ी जानकारी भी लेंगी।
विकास के मुद्दे को लेकर स्थानीय प्रशासन को लगाई फटकार
स्मृति ईरानी ने यहाँ विकास के मुद्दे को उठाया और कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण और वित्तीय सेवाओं जैसी सेवाओं को वहां के लोगों, विशेष रूप से सबसे गरीब लोगों तक पहुंचाने की आवश्यकता है। स्मृति ईरानी ने यहाँ स्थानीय प्रशासन को भी फटकार लगाई।
कई इलाकों के दौरे पर स्मृति ईरानी
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी बीजेपी नेताओं से मुलाकात की। इसके बाद मंगलवार को वायनाड में नीति आयोग के जिला आकांक्षी कार्यक्रम की समीक्षा बैठक में शामिल हिन थीं। स्मृति ईरानी दो आंगनवाड़ी और एक आदिवासी बस्ती का भी दौरा किया। स्मृति ईरानी ने भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुरेश गोपी के कहने पर जिले के दौरे की योजना बनाई है। अभिनेता से नेता बने सुरेश गोपी ने हाल ही में वायनाड का दौरा किया था और चाहते थे कि केंद्रीय मंत्री जिले की आदिवासी बस्तियों, विशेष रूप से वहां की महिलाओं और बच्चों की दुर्दशा को देखें।
जानिए क्यों है ये दौरा बेहद महत्वपूर्ण
इससे पहले ईरानी वर्ष 2016 के विधानसभा चुनावों के लिए कैंपेन के लिए वायनाड का दौरा किया था। इस बार उनकी यात्रा अहम मानी जा रही है क्योंकि राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि स्मृति ईरानी वायनाड में विकास के मुद्दों को उठा सकती हैं, और गांधी परिवार को आड़े हाथों ले सकती हैं। दरअसल, कुछ ऐसा ही उन्होंने 2019 में अमेठी में किया था और राहुल गांधी को हराया था। वह कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निर्वाचन क्षेत्र से अनुपस्थित रहने का आरोप भी लगा सकती हैं।
ज्ञात हो कि गांधी ने 2019 में वायनाड से भी चुनाव लड़ने का फैसला किया था और उन्होंने और वायनाड में प्रचंड बहुमत से जीत हासिल की। लेकिन अमेठी में बुरी हार का सामना करना पड़ा था। अब ऐसा लगता है कि स्मृति ईरानी अगले आम चुनावों में वायनाड में भी ऐसा ही रुख अपनाने की तैयारी में हैं।