माणिक साहा बने त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री, आज ली CM पद की शपथ

त्रिपुरा में आज एक बड़ा बदलाव देखने को मिला, जहां भाजपा पार्टी के नेता और राज्यसभा सदस्य डॉ. माणिक साहा ने आज त्रिपुरा के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। विधानसभा चुनाव से एक साल पहले बिप्लब देब के इस्तीफे के कुछ घंटे बाद ही साहा को विधायक दल का नेता चुना गया। साहा वर्तमान में त्रिपुरा से राज्यसभा सांसद हैं और राज्य में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष भी हैं। बिप्लब देब के इस्तीफे के बाद भाजपा के केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने ट्वीट करके जानकारी दी कि माणिक साहा को त्रिपुरा भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा मुझे पूरा विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और आपके नेतृत्व में त्रिपुरा विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगा।

डॉ. माणिक साहा साल 2016 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे। इसके बाद उन्हें 2020 में भाजपा ने राज्य इकाई का अध्यक्ष बनाया और वह इसी साल मार्च में राज्यसभा से सांसद चुने गए हैं।

मुख्यमंत्री बनते ही डॉ. माणिक साहा ने खुशी से कहा

सीएम पद की शपथ लेने के बाद त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा ने कहा हम पीएम मोदी और बीजेपी के विकास के मुद्दे को लेकर आगे बढ़ेंगे। हम त्रिपुरा के लोगों के मुद्दों को हल करने के साथ-साथ राज्य में कानून-व्यवस्था को भी बढ़ाएंगे। हमारे लिए कोई राजनीतिक चुनौती नहीं है।

डॉ. माणिक साहा के सीएम पद के रूप में आते ही…

डॉ. माणिक साहा को सीएम चुने जाने के बाद भाजपा ने शनिवार को ही कई नए चेहरों के साथ त्रिपुरा समिति का पुनर्गठन किया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अब समिति में सात उपाध्यक्ष, तीन महासचिव, छह सचिव और सात प्रवक्ता होगें।

अचानक इस्तीफे से आश्चर्य में लोग

बिप्लब देब के द्वारा मुख्यमंत्री पद से दिए गए अचानक इस्तीफे में राज्य की जनता आश्चर्य में है। त्रिपुरा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य को इस्तीफा सौंपने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने कहा मैने तहे दिल से लोगों की सेवा की है। इसके साथ ही उन्होंने भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को इतने समय तक मुख्यमंत्री बनाने के लिए धन्यवाद भी दिया।

एक साल के लिए साहा को मिली सीएम पद की कुर्सी

डॉ. माणिक साहा को सीएम पद की कुर्सी एक साल के लिए ही मिली है, क्योंकि राज्य में अगला विधानसभा चुनाव फरवरी 2023 में होना है। चुनाव के पहले त्रिपुरा की सत्ता संभालने जा रहे डॉ. साहा के लिए यह कुर्सी काफी चुनौती पूर्ण होगी। एक साल के अंदर ही माणिक साहा ऐसा काम करना होगा जिससे राज्य में होने वाले अगले विधानसभा चुनाव में पार्टी को जीत मिल सके।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें