चन्द्र ग्रहण 16 मई को, जरूर बरतें ये सावधानी

पंडितों के मत से सूतक आदि पर नहीं करना होगा विचार

लखनऊ। वैशाख शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा, सोमवार, 16 मई चंद्रग्रहण होगा है। चूंकि यह चंद्रग्रहण भारत में नहीं दिखेगा इसलिए यहां की इसकी मान्यता नहीं होगी। सूतक आदि का विचार भी नहीं किया जाएगा।

ग्रहण का समय

ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल व आचार्य आनंद दुबे ने बताया कि यह चंद्र ग्रहण 16 मई की सुबह 07 बजकर 58 मिनट पर लगेगा और इसका मोक्ष यानी समापन सुबह 11 बजकर 25 मिनट पर हो जाएगा। उन्होंने बताया कि यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका सूतक काल नहीं माना जाएगा। इस चंद्र ग्रहण में सूतक काल न होने के कारण सभी ग्रहकार्य पूर्ववत होते रहेंगे।

इन जगहों पर पड़ेगा दिखाई

उन्होंने बताया कि साल का यह पहला चंद्र ग्रहण अंटार्कटिका, अटलांटिक महासागर, पश्चिमी यूरोप, प्रशांत महासागर, अफ्रीका, उत्तर-दक्षिण अमेरिका आदि के क्षेत्रों में ही दिखाई देगा।

ग्रहण के प्रभाव से जल से हो सकती है हानि

पंडित बताते हैं कि चन्द्र ग्रहण जल तत्व की वृश्चिक राशि में लग रहा है। उन्होंने भविष्यवाणी की, जिन देशों में चन्द्र ग्रहण दिखेगा वहां अगले 15 दिनों में समुद्री तूफान, चक्रवात, वर्षा से जन-धन की हानि हो सकती है। भारत में भी मानसून समय से पहले आ सकता हैं।

पंडित जी ने बताया कि चंद्र ग्रहण का पांच राशियों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। इसलिए ग्रहण के बुरे प्रभाव से बचने के लिए भगवान शिव की आराधना करनी चाहिए और चन्द्रमा के मंत्रों का जाप करना चाहिए। अनाज आदि का दान करना चाहिए।

इन राशी के जातकों को रखना होगा अपना ध्यान

मेष : चंद्र ग्रहण का मेष राशि के जातकों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।

मिथुन : शत्रुओं से सावधान रहने की आवश्यकता है. विश्वासघात हो सकता है।

कर्क : वाणी एवं आचरण पर नियंत्रण रखना होगा. वाद विवाद करने से लाइफ पार्टनर के साथ मतभेद हो सकते हैं।

वृश्चिक : चंद्र ग्रहण वृश्चिक राशि में ही है। वाद विवाद से बचें. मानसिक तनाव हो सकता है, वाहन सावधानी से चलाएं।

धनु : धनु राशि के जातकों की फिजूलखर्जी बढ़ सकती है,सोच समझ कर निवेश करे।

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