
चित्रकूट। बालाजी मन्दिर से लाखों की मूर्ति चुराने वाले चोरों ने शनिवार रात पत्र लिखकर मूर्तियों को महंत के घर के सामने रख दिया। पत्र में लिखा था कि मूर्ति चोरी करने के बाद उन्हें डरावने सपने आ रहे हैं। नींद नहीं आ रही है। मूर्तियां मन्दिर में दोबारा स्थापित करा दें। हालांकि अष्टधातु की कीमती मूर्तियां अब भी नहीं मिलीं हैं।
रविवार को कोतवाली क्षेत्र के कच्ची छावनी में बने सैकड़ों साल पुराने बालाजी मन्दिर से नौ मई को अष्टधातु, पीतल व तांबे की 16 मूर्तियां चोरी हो गई थीं। मन्दिर के महंत रामबालक दास ने बताया कि मन्दिर का ताला तोड़कर चोरों ने अष्टधातु से बनी पांच किलो की श्रीराम की मूर्ति, पीतल की राधा-कृष्ण, बालाजी और लड्डू गोपाल की मूर्ति समेत नकदी और चांदी का सामान चुरा लिया। पुजारी की पत्नी मन्दिर की सफाई को पहुंची तो ताला टूटा देखा और पाया कि मन्दिर में रखी मूर्तियां गायब हैं। इसके बाद उन्होंने कोतवाली में तहरीर देकर मामला दर्ज कराया।
महंत रामबालक दास ने बताया कि सुबह जब गौवंशों को चारा-पानी देने निकले तो उन्हें एक चिट्ठी पड़ी मिली। जिसमें मूर्तियों के जिक्र के साथ लिखा था कि मूर्ति चोरी करने के बाद नींद नहीं आ रही है। डरावने सपने आ रहे हैं। मूर्तियों को वापस कर रहे हैं। चिट्ठी पढ़ने के बाद महंत ने मूर्तियों की खोज की तो मूर्तियां घर के बाहर टोकरी के नीचे रखी बोरी में मिलीं। पीतल व तांबे की 12 मूर्तियां बरामद हुईं, लेकिन अष्टधातु की दो मूर्तियां नहीं मिलीं। इसकी सूचना कोतवाली पुलिस को देकर पुलिस मुख्यालय पहुंचकर मूर्तियां पुलिस को सौंप दीं।