बाराबंकी : क्यों कहा जाता है बुढ़वा मंगल

रामसनेहीघाट बाराबंकी। जेष्ठ माह के प्रथम मंगलवार को तहसील क्षेत्र के विभिन्न मंदिरों सहित कस्बा व गांव में जगह-जगह शरबत पूड़ी छोला हलवा आदि का वितरण भक्त श्रद्धालुओं द्वारा किया गया वही छोटी हनुमानगढ़ी भिटरिया तथा बूढ़े हनुमान मंदिर सुमेरगंज में भव्य भंडारा व धार्मिक सांस्कृतिक कार्यक्रम के गए।       

हिंदू धर्म में ज्येष्ठ मास का बड़ा महत्व है. कहा जाता है कि यह माह ब्रह्मा जी को हर मासों में अत्यधिक प्रिय है।आज ज्येष्ठ मास का पहला मंगलवार है. वैसे तो मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित होता है और मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा की जाती है और शुभ लाभ मिलता है. परंतु जयेष्ट मास के मंगलवार को हनुमान जी पूजा का विशेष महत्त्व होता है।इस माह में पड़ने वाले मंगलवार को बड़ा मंगल कहते हैं।इसे बुढ़वा मंगल भी कहा जाता है।मान्यता है कि ज्येष्ठ मास में पड़ने वाले बड़े मंगल पर विधि विधान से हनुमानजी की पूजा अर्चना करने से भक्तों को प्रत्येक कष्ट और बाधा से मुक्ति मिलती है।आज 17 मई को ज्येष्ठ मास का पहला मंगलवार है। इस बार इस मास में 5 मंगलवार पडेगा।ये पांच मंगलवार हैं:- 17 मई को, 24 मई को, 31 मई को, 7 जून को और 14 जून को है.
बड़ा मंगल को क्यों कहते है बुढ़वा मंगल
बड़ा मंगल को बुढ़वा मंगल कहने के पीछे दो पौराणिक कथा प्रचलित हैं. एक कथा के अनुसार महाभारत काल में जब भीम को अपने बल का बड़ा घमंड हो गया था,तो हनुमान जी ने बूढ़े वानर का रूप रखकर भीम के घमंड को मंगलवार को तोड़ा था. दूसरी कथा के अनुसार वन में विचरण करते हुए भगवान श्री राम जी से हनुमान जी का मिलन विप्र (पुरोहित) के रूप में इसी दिन हुआ था।इसलिए ज्येष्ठ मास के मंगलवार को बुढ़वा मंगल या बड़ा मंगल के नाम से जाना जाता है।

जेष्ठ के मंगलवार के प्रथम दिन बूढ़े हनुमानजी मंदिर में टी सीरीज के कलाकार खालसा जादू और शरबत पूड़ी छोला भंडारा का आयोजन किया गाय है रात्रि में रामकुमार लखा वा धर्मेंद्र पंडित द्वारा भजन संध्या का कार्यक्रम होगा।सुरेंद्र कौशल, विजय धीमान, मुकेश जैन,वैभव जैन,आकाश गुप्ता, मनीष गुप्ता, शासक जैन प्रमोद गुप्ता, गोबिंद गुप्ता सहित काफी संख्या में भक्त श्रद्धालु उपस्थित रहे।

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