डीएम कार्यालय पर आत्मदाह करने की चेतावनी
महिला का मिला था नाले में शव
परिजनों ने कराया था दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज
जिलाधिकारी के दरवाजे पर इंसाफ की गुहार लगाने पहुंचा पीड़ित परिवार
गाजियाबाद। मोदीनगर थाना क्षेत्र के एक नाले में मिले फरवरी माह में महिला के शव के मामले में जहां पुलिस की लापरवाही सामने आई थी, तो वहीं पीड़ित परिवार द्वारा आरोपियों पर कोई भी कार्रवाई न होने से त्रस्त होकर पीड़ित परिवार ने जिला अधिकारी से इंसाफ की गुहार लगाई है। जिलाधिकारी को दिए गए शिकायती पत्र में किसी दूसरी एजेंसी से केस की विवेचना करने की गुहार भी लगाई गई है। जानकारी के अनुसार पीड़ित अमित कुमार पुत्र रेतन सिंह निवासी मुरादनगर का आरोप है कि उसकी भतीजी की शादी जून 2020 में नरेंद्र पुत्र प्रमोद निवासी सीकरी खुर्द मोदीनगर के साथ अपनी हैसियत से अधिक दान दहेज देकर की थी । मगर दहेज लोगों द्वारा मेरी भतीजी को दहेज के लिए प्रताड़ित करने का सिलसिला जारी रहा । कई बार इस मामले में रिश्तेदारों की पंचायत भी हुई। मगर दहेज लोभी ससुराल जन पंचायत में अपनी गलती स्वीकार कर लेते थे। मगर बाद में फिर मेरी भतीजी को परेशान करने का कार्य करते थे। जिसके चलते मेरी भतीजी की ससुराल जनों द्वारा जनवरी माह में हत्या कर शव को नाले में फेंक दिया गया था । जिसकी हम लोगों ने काफी तलाश की गई पर नहीं मिल पाई । करीब 5 दिन बाद मेरी भतीजी प्रिया का शव मोदीनगर के एक नाले में पुलिस को 1 फरवरी 2022 को लावारिस हालत में बरामद हुआ था। पुलिस ने शव को अज्ञात में रखकर उसका पोस्टमार्टम कराया था। और हम लोगों को जैसे ही सूचना मिली हम लोगों ने शव की पहचान प्रिया के रूप में की थी। पूर्व में भी हमने ससुराल जनों पर अपनी भतीजी प्रिया को प्रताड़ित करने सहित अन्य मामलों में शिकायती पत्र दिया था, पर कोई भी सुनवाई नहीं हुई जिसका खामियाजा हमारी भतीजी प्रिया की मौत के रूप में सामने आया। इस मामले में हमने 1 फरवरी 2022 को ससुराल जनों पर प्रताड़ित करने दहेज के लिए हत्या करने का मामला दर्ज कराया था । लिहाजा इस मामले में पुलिस द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं की गई और आरोपी ससुराल जन आराम से खुले हुए बाहर घूम रहे हैं। यानी कि पुलिस द्वारा इस मामले में आरोपियों से सांठगांठ कर मामले को दबाने का कार्य किया गया। आरोप है कि पुलिस द्वारा नाले में मिले शव को आत्महत्या का रूप दिया गया और फाइल को बंद कर दिया गया है। जब हमने पुलिस से इस मामले में जानकारी प्राप्त की तो पुलिस ने बताया कि एक 3 फुट के नाले में एक महिला की कैसे गिरकर मौत हो सकती है। जबकि उस को मारकर नाले में फेंका गया था। लिहाजा पुलिस द्वारा कोई भी स्पस्ट कारण न बताने पर व कार्रवाई न करने पर जिलाधिकारी से इंसाफ की गुहार लगाई गई है। वहीं इस मामले में मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा गया है कि पुलिस द्वारा आरोपियों से सांठगांठ कर आरोपियों को बचाने का कार्य किया गया। जबकि मेरी भतीजी प्रिया की हत्या कर शव को नाले में फेंका गया था। पुलिस ने इस मामले में कोई भी कार्यवाही नहीं की। जिलाधिकारी से पत्र लिखकर किसी अन्य जांच एजेंसी से इस मामले की जांच कराने की गुहार लगाई गई है। आरोप है कि मुख्यमंत्री के द्वारा महिला उत्पीड़न से संबंधित मामलों की निष्पक्ष जांच की बात की जाती रही है पर पुलिस की लापरवाही और आरोपियों से सांठगांठ कर मामले को रफा-दफा करने का कार्य किया गया, यानी भ्रष्टाचार की जड़ों में डूबी पुलिस इस मामले में पीड़ित परिवार की कुछ नहीं सुन रहे। जबकि आरोपियों से सांठगांठ कर मामले को रफा-दफा करने का कार्य किया गया है। अगर मेरी कोई भी सुनवाई नहीं हुई तो मैं 23 मई 2022 को जिलाधिकारी कार्यालय के सामने आत्मदाह करने पर मजबूर हो जाऊंगा।