योगेश श्रीवास्तव
भाजपा के बजाए माया के निशाने पर रही कांग्रेस
लखनऊ। बसपा की राष्टï्रीय अध्यक्ष सुश्री मायावती ने अपने 63वें सालगिरह के मौके पर अपनी पार्टी के साथ ही सपा कार्यकर्ताओं से लोकसभा चुनाव में जीत का तोहफा मांगा है। अपने सालगिरह के मौके पर पार्टी मु यालय में बुलायी गयी प्रेसकांफ्रेस में उन्होंने कहा कि इस बार का उनका जन्मदिन इसलिए भी खास है कि इस साल देश में लोकसभा के आम चुनाव होने वाले है। उन्होंने लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र सपा-बसपा कार्यकर्ताओं को गिलेशिकवे भुलाकर चुनाव की तैयारियों में जुटना चाहिए। अपनी प्रेसकांफ्रेस के दौरान आज उन्होंने भाजपा के बजाय कांग्रेस पर ज्यादा निशाना साधा। दो माह पहले मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बनी कांग्रेस सरकारों को विफल बताते हुए कहा कि चुनाव के दौरान कांग्रेस ने घोषणापत्र में वादे किए थे उन्हे पूरा करने में पूरी तरह विफल साबित हो रही है।
कर्जमाफी पर माया का कांग्रेस पर निशाना
बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) चीफ मायावती ने अपने 63वें जन्मदिन पर बीजेपी और कांग्रेस पर ताबड़तोड़ हमला बोला। उन्होंने एसपी-बीएसपी के कार्यकर्ताओं से सारे पुराने गिले-शिकवे भुलाते हुए साथ मिलकर काम करने की अपील की। साथ ही बीएसपी चीफ ने कांग्रेस को किसानों के कर्जमाफी के मुद्दे पर घेरा। कांग्रेस पर सिलसिलेवार हमले करते हुए माया ने कहा कि कांग्रेस ऐंड कंपनी को सबक सिखाने की जरूरत है।
मायावती ने कहा, ‘हाल ही में 12 जनवरी को हमारी पार्टी ने समाजवादी पार्टी (एसपी) के साथ गठबंधन करके लोकसभा चुनावलड़ने का फैसला किया है। इससे बीजेपी की नींद उड़ी हुई है। देश का सबसे बड़ा राज्य होने के लिहाज से यूपी काफी मायने रखता है। उत्तर प्रदेश ही तय करता है कि केंद्र में किसकी सरकार बनेगी और अगला प्रधानमंत्री कौन होगा।’
पुराने गिले शिकवे भुलाने की अपील
उन्होंने इस मौके पर बीएसपी और एसपी के लोगों से अपील की कि वे इस चुनाव में अपनी पार्टी और देशहित में अपने पुराने गिले शिकवे और स्वार्थ की राजनीति को भुलाकर भुलाकर एक साथ काम करे और यूपी व बाकी राज्यों में हमारे गठबंधन को वोट देकर जिताए, यही मेरे लिए जन्मदिन का तोहफा होगा।
मायावती ने इस मौके पर कांग्रेस पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि हालिया विधानसभा चुनाव के नतीजों से बीजेपी ही नहीं कांग्रेस को भी सबक लेने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘लोकलुभावन और झूठे वादों करके किसी भी पार्टी की दाल ज्यादा गलने वाली नहीं है। तीन राज्यों में बनी कांग्रेस की सरकार की कर्जमाफी की योजना पर भी अब उंगलियां उठनी शुरू हो गई हैं। कांग्रेस पार्टी की नई सरकार ने किसानों की कर्जमाफी की सीमा 31 मार्च 2018 क्यों निर्धारित की जबकि उनकी सरकार 17 दिसंबर 2018 को चुनी गई है।’
BSP Chief Mayawati in Lucknow: We have always worked for the poor and the down trodden. The government should give 100% farm loan waiver else farmer suicides will continue. A strong farm loan waiver policy should be made. pic.twitter.com/nRvA8K81SD
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 15, 2019
‘कांग्रेस ने किसानों को धोखा दिया’
वहीं उन्होंने किसानों के कर्जमाफी पर कहा, ‘कांग्रेस सरकार ने किसानों को धोखा दिया है। उन्होंने सरकार बनने के बाद किसानों के सिर्फ दो लाख रुपये के कर्ज ही माफ किए जाने की घोषणा हुई है। किसान बैंक से अधिक साहूकार से कर्ज लेते हैं इसलिए सरकार को बैंक के साथ-साथ इन प्रकार के कर्ज को माफ करने के लिए विचार करना चाहिए नहीं तो किसान का कर्ज कभी माफ नहीं हो पाएगा और किसान हमेशा पिछड़ा और दबा रहेगा। इस देश में 70 फीसदी व्यक्ति किसान है।’
मायावती ने यह भी कहा कि किसानों की समस्या की निपटारे के लिए स्वामीनाथन रिपोर्ट की सिफारिशों को लागू करना चाहिए। मायावती ने कहा, ‘आज देश में पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, दलित और मजदूर वर्ग सबसे ज्यादा पीड़ित है। इन सभी लोगों का हित इन पार्टी (कांग्रेस-बीएसपी) की सरकारों में न पहले सुनिश्तित रहा है और न आगे रहने वाला है।’
‘मुस्लिमों को मिले अलग से आरक्षण’
उन्होंने कहा, ‘हमारी पार्टी धन्नासेठों की गुलामी नहीं करती है। बीएसपी का इतिहास इस मामले में काफी साफ सुथरा है। केंद्र को रक्षा सौदे के मामले में भी विपक्ष को अपने विश्वास में लेना चाहिए। मायावती ने सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण के फैसले का स्वागत किया। साथ ही यह भी कहा कि मुस्लिमों के लिए आर्थिक आधार पर अलग से आरक्षण होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘देश में आजादी के समय सरकारी नौकरियों में मुस्लिमों की संख्या 33 फीसदी थी जो कि अब 2-3 फीसदी ही रह गई है।’