पंचकूला । पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या मामले में सिरसा डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह उर्फ राम रहीम समेत सभी चार दोषियों को सीबीआई की विशेष कोर्ट गुरुवार को सजा सुनाएगी। 11 जनवरी को कोर्ट ने गुरमीत राम रहीम, निर्मल, कुलदीप और किशन लाल का दोषी करार दिया था। राम रहीम इस वक्त दो साध्वियों से दुष्कर्म के मामले में रोहतक की सुनारिया जेल में सजा काट रहा है।
गुरमीत राम रहीम को हो सकती है उम्रकैद की सजा
कोर्ट ने गुरमीत राम रहीम और किशन लाल को आईपीसी की धारा 120बी, 302 का दोषी ठहराया। कुलदीप और निर्मल को 120बी, 302 और आर्म्स एक्ट का दोषी ठहराया है। धारा 302 में कम से कम उम्रकैद और ज्यादा से ज्यादा फांसी की सजा हो सकती है। फैसले के बाद पत्रकार छत्रपति के बेटे अंशुल ने राम रहीम को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की
तीन जिलों में सुरक्षा कड़ी
फैसले के मद्देनजर पंचकूला, रोहतक और सिरसा में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। रोहतक में सुनारिया जेल, पंचकूला में सीबीआई कोर्ट और सिरसा में डेरे की सुरक्षा कड़ी कर दी है। रोहतक में इंडियन रिजर्व बटालियन (आईआरबी) की टीम पेट्रोलिंग करेगी। जेल के चारों ओर 10 नाके लगाए हैं। ड्रोन की मदद से भी नजर रखी जाएगी। सिरसा में सीआरपीएफ की दो कंपनियां तैनात की गई हैं। 38 पुलिस नाके लगाए हैं। पंचकूला में रिजर्व आर्म्ड फोर्स तैनात की है। हाई अलर्ट जारी कर धारा 144 लागू की गई है। जिले में 14 नाके लगाए गए हैं।
विशेष सीबीआई अदालत में पहुंचे न्यायाधीश
पत्रकार छत्रपति हत्याकांड मामले की सुनवाई किसी भी समय शुरू हो सकती है। विशेष सीबीआई कोर्ट के न्यायाधीश कोर्ट में पहुंच चुके हैं। कड़ी सुरक्षा के बीच गुरूवार को दस बजे न्यायाधीश कोर्ट में पहुंचे । अदालत परिसर में किसी को भी जाने की अनुमति नहीं है। करीब 500 मीटर पहले ही वाहनों को रोका गया है और मीडिया को भी 200 मीटर दूर रखा गया है।
सीबीआई कोर्ट द्वारा डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम, कुलदीप सिंह, किशन लाल, निर्मल सिंह को सजा सुनवाई जाएगी। ड्रिस्टिक अर्टानी पंकज गर्ग ने बताया कि वीडियो कांफ्रेंस की प्रकिया शुरू हो चुकी है, किसी भी समय सुनवाई शुरू हो सकती है।
सिरसा और फतेहाबाद में धारा 144 लागू
इस बीच सिरसा और फतेहाबाद में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। सिरसा और फतेहाबाद जिलों में धारा 144 लागू है। सिरसा में पुलिस के साथ-साथ सुरक्षा बलों की 12 कंपनियां तैनात की गई हैं। डेरा के आसपास और अन्य संवेदनशील इलाकों में बुधवार को फोर्स द्वारा गश्त लगाई गई। सजा के ऐलान से ठीक पहले फतेहाबाद में भी किलेबंदी कर दी गई है। कड़ी सुरक्षा के लिए फतेहाबाद में बीएसएफ को भी पुलिस के साथ तैनात किया गया है। डीएसपी धर्मबीर पूनिया ने बताया कि फतेहाबाद में 16 जगह संवेदनशील चिन्हित करके नाके लगाए गए हैं। हर नाके पर आने-जाने वाले वाहनों की चैकिंग की जा रही है।
सिरसा में 38 जगह नाके लगाए गए हैं, जिनमें से 14 अकेले डेरा सच्चा सौदा इलाके में हैं। 38 ड्यूटी मैजिस्ट्रेट लगाए गए हैं, वहीं सुरक्षा बलों की टुकड़ियों ने बुधवार को फ्लैग मार्च भी निकाला। 17 से 19 तक डेरा क्षेत्र में सुरक्षा की कमान सीआरपीएफ के हाथ में होगी। सीआरपीएफ की दो कंपनियां सिरसा पहुंच भी चुकी हैं। हरियाणा पुलिस के जवान पहले की तरह तैनात रहेंगे।
सुरक्षा बलों ने फ्लैग मार्च निकाला
डीसी प्रभजोत सिंह ने बताया कि पंजाब और राजस्थान के बॉर्डर वाले इलाकों पर कड़ी नाकाबंदी के आदेश दिए गए हैं। प्रशासन के मुताबिक डेरा सच्चा सौदा में अब एक हजार के करीब लोग हैं, जो हमेशा वहीं रहते हैं और काम करते हैं। इससे ज्यादा लोग नहीं डेरे में नहीं आने दिए जाएंगे। बुधवार को डीएसपी रविंद्र तोमर की कमान में सुरक्षा बलों ने फ्लैग मार्च निकाला। यह मार्च पुलिस लाइन से शुरू होकर बस अड्डा, परशुराम चौक, बेगू रोड, डेरा सच्चा सौदा, बाजेकां गांव, हिसार रोड से होते हुए वापस पुलिस लाइन में खत्म हुआ। पुलिस लाइन लौटने के बाद सुरक्षा में तैनात जवानों को कड़े दिशा-निर्देश दिए गए।
बता दें कि हरियाणा सरकार ने कानून व्यवस्था को आधार बनाते हुए चारों दोषियों को विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सजा के ऐलान की गुजारिश कोर्ट से की थी। कोर्ट में अर्जी पर बहस हुई थी और बुधवार को सरकार की अर्जी मंजूर हो गई। कोर्ट के फैसले के बाद डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी ने मीडिया से कहा कि मामले की संवेदनशीलता और प्रदेश में सुरक्षा व कानून व्यवस्था को देखते हुए सीबीआई कोर्ट ने की सरकार की याचिका मंजूर की है। उन्होंने कहा कि पिछली दफा काफी जान-माल का नुकसान हुआ था। गौरतलब है कि 25 अगस्त 2017 को साध्वी यौन शोषण मामले में गुरमीत राम रहीम को दोषी करार दिए जाने के बाद पंचकूला समेत कई जगहों पर काफी आगजनी, तोड़फोड़ हुई थी।
पत्रकार छत्रपति हत्याकांड में पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत ने डेरा मुखी गुरमीत राम रहीम और कृष्ण लाल को आईपीसी की धारा 120बी (आपराधिक साजिश रचने) और 302 के तहत मुल्जिम करार दिया है, जबकि कुलदीप सिंह तथा निर्मल सिंह को आईपीसी की धारा 302 ( हत्या की सजा) और 120बी (आपराधिक साजिश) का दोषी करार दिया था। निर्मल सिंह को आर्म्स एक्ट 1959 के सेक्शन 25 तथा कृष्ण लाल को आर्म्स एक्ट 1959 के सेक्शन 29 के तहत भी दोषी करार दिया गया है। कोर्ट 17 जनवरी को सजा का ऐलान करेगी।
क्या है पत्रकार छत्रपति हत्याकांड?
पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड करीब 16 साल पुराना है और डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम इसमें आरोपी है। साल 2002 में पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। छत्रपति अपने समाचार पत्र में डेरा से जुड़ी खबरों को प्रकाशित करते थे। पत्रकार छत्रपति के परिजनों ने मामला दर्ज करवाया था और बाद में इसे सीबीआई के सुपुर्द कर दिया गया था। सीबीआई ने 2007 में चार्जशीट दाखिल कर दी थी और इसमें डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम को हत्या की साजिश रचने का आरोपी माना था।