मधुमक्खी पालन : कम लागत और अधिक मुनाफा के लिए शुरू करें यह बिजनेस

मधुमक्खी पालन भी खेती-बाड़ी व बागवानी की तरह कृषि का एक हिस्सा है. मानव जाती को लाभान्वित करने में मधुमक्खी पालन व्यवसाय का भी बहुत बड़ा योगदान है. इस व्यापार को सभी वर्ग के लोग अपना कर अच्छा लाभ प्राप्त सकते है। कृषि के क्षेत्र में मधुमक्खी पालन व्यापार भी किसानों के लिए आय का एक अहम हिस्सा है।

यदि किसानों का कोई सबसे अच्छा मित्र किट है तो वह मधुमक्खी है, कृषि वैज्ञानिको के एक रिसर्च के अनुसार फसलों में 75% परागण की क्रिया मधुमक्खियों द्वारा होता है. जिससे फसलों की पैदावार बढ़ने के साथ किसानों के आय में बृद्धि होती है।

इस ब्यवसाय से किसानों को शहद(मधु), मोम, विष, गोंद तथा पराग भी प्राप्त होते है, यह छोटे और सीमांत किसानों के लिए बहुत अच्छा आय का जरिया है, इसलिए मधुमक्खी पालन ब्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए सरकार आर्थिक मदद भी दे रही है।

मधुमक्खी पालन व्यवसाय में उपयोगी उपकरण क्रियाशील कपड़े
विशेष मास्क
एक मोटा और एक पतला ब्रश
डंक निकालने वाला उपकरण
प्रोपोलिस स्ट्रीप
हाँथ का दस्ताना
धुआं करने वाले यंत्र
प्लास्टिक से बना हुआ भोजन युक्त रानी मधुमक्खी के लिए छत्ता
एल आकार के मधुमक्खी का छत्ता
रानी मधुमक्खी को अलग करने वाला यंत्र
शहद निचोड़नेवाला यंत्र
मोम अलग करने के लिए एक विद्युत चाकू
मधुमक्खी पालन व्यवसाय के लिए स्थान का चयन(Location Selection For Beekeeping Business)
मधुमक्खी पालन व्यवसाय के लिए किसी ऐसे जगह का चुनाव करना चाहिए जहाँ पर नमी न हो ऐसे स्थानों पर तालाब, नदियाँ, नहरें न हों जिस स्थान पर पेड़ और पौधे हों तथा चारो तरफ से खुला हुआ हवादार, छायादार और सुखा हो ऐसे स्थान का चुनाव करना चाहिए। इसके आलावा जहाँ पर मधुमक्खी पालन करनी हो उसके पास ही प्राकृतिक या कृत्रिम रूप से साफ पानी के स्त्रोत की ब्यवस्था करनी चाहिए।

शहद देने वाली मधुमक्खी की प्रजाति

शुद्र मधुमक्खी
एपीस फ्लोरा,
एपीस डोरसैला
हिमालयन मधुमक्खी
यूरोपियन मधुमक्खी
सारंग
जंगली मधुमक्खी

मधुमक्खी पालन का सही समय

यदि आप मधुमक्खी पालन करना चाहते हैं तो सितम्बर और अक्टूबर के महीने में तैयारी कर देनी चाहिए. और नवम्बर के महीने में इस व्यापार की शुरुआत करनी चाहिये. होता है. चूँकि मधुमक्खी पालन का सही समय सर्दियों का समय होता है इसलिए आपको इससे सम्बंधित सभी उपकरण और सभी व्यवस्था पहले ही कर लेनी चाहिए. क्योंकि यदि आप आपको यदि आप नवम्बर के महीने में उपकरण की व्यवस्था करेंगे तो अधिक पैसे खर्च करने पड़ेंगे.

मधुमक्खी पालन व्यवसाय कैसे शुरू करें

मधुमक्खी पालन के लिए 3 तरह के मधुमक्खियों की आवश्यकता पड़ती है-

रानी मधुमक्खी
नर मधुमक्खी
कमेरी मधुमक्खी
इन तीनों तरह के मधुमक्खियों केवल एक रानी मधुमक्खी, सैकड़ों की संख्या में नर मधुमक्खी तथा हजारों की संख्या में कमेरी मधुमक्खीयां होती हैं. तथा इनके अपने अलग कार्य होते हैं.

रानी मधुमक्खी

मधुमक्खी के सभी परिवार में एक-एक रानी मधुमक्खी होती है. जो मादा मक्खी होती है, इसलिए यह पुरे परिवार की सभी मधुमक्खियों की अपेच्छा बड़ी तथा लम्बी होती है। रानी मधुमक्खी की आयु लगभग 3 साल तक की होती है. यह अपने पुरे जीवनकाल में केवल एक बार ही सम्भोग करती है. उसके बाद यह अंडे देने का काम करती है. एक रानी मधुमक्खी 1 दिन में 1500 से 2000 अंडे देती है.

नर मधुमक्खी

नर मधुमक्खी की संख्या पुरे परिवार में 1%तक ही होती है यानि 100 से 200 ये मक्खियाँ किसी भी काम को करने के लिए सक्षम नहीं होते हैं. ये नर मधुमक्खी रानी मधुमक्खी के निर्जीव अण्डों से पैदा होने के 8 से 12 दिनों में ही रानी मधुमक्खी से सम्बन्ध बनाने के योग्य हो जाते हैं.

नर मधुमक्खी- रानी मधुमक्खी की तुलना मोटे होते हैं

कमेरी मधुमक्खी

मधुमक्खी के पुरे सदस्य में मधुमक्खी का छत्ता बनाने से लेकर फूलों से रस इकठ्ठा करना, अंडे की देखभाल करना, बच्च्चों की देखभाल करना तथा दुश्मनों से रक्षा करना सारा काम कमेरी मधुमक्खीयां ही करती हैं, पुरे परिवार में सबसे अधिक कमेरी मधुमक्खीयां ही होती हैं. इन मक्खियों की एक खासियत होती है की इनमें से किसी की उम्र अधिक होती है तो उन्हें अधिक कार्य नहीं करने पड़ते और यह एक तरह से बाँझ मधुमक्खी होती हैं.

मधुमक्खी पालन की लागत

यदि छोटे पैमाने पर छोटे श्रमिकों के लिए मधुमक्खी पालन की शुरूआत करने की बात करें तो अगर 20 पेटी (Boxes) से इस व्यवसाय को चालू करने की बात करें तो लगभग 1 लाख रूपये की लागत आएगी. और अगर 100 पेटियों की बात करें तो 5 लाख के करीब cost आएगा.

मधुमक्खी पालन व्यापार में आमदनी
शुरूआती दिनों में शहद उत्पादन में लागत अधिक और मुनाफा थोड़ा कम हो सकता है, क्योंकि मधुमक्खी पालन व्यापार शुरू करने लिए जो उपकरण आप खरीदते हैं उनका मेंटनेंस खर्च निकलना होता है लेकिन धीरे-धीरे इसमें लागत कम और मुनाफा बहुत अधिक होता है।

मार्किट में शुद्ध शहद बहुत कम ही मिलता है इस व्यापार से बेहतर लाभ कमाने के लिए बाजार में बिना मिलावट वाला शुद्ध शहद बेचकर बहुत अच्छा मुनाफा तथा अपने ब्रांड का नाम कमाया जा सकता है.

मौजूदा समय में 1 किलो शुद्ध ऑर्गेनिक शहद की कीमत 300 रु. प्रति किलो से लेकर 700 रुपए प्रति किलो तक या अलग-अलग शहरों में इससे अधिक दामों पर भी बेचे जाते हैं. इसलिए यदि एक पेटी से 40 किलो शहद का उत्पादन होता है तो 20 पेटियों से 800 किलो शहद प्राप्त होगा. और अगर एक किलो शुद्ध शहद की कीमत 500 रूपये है तो आपको व्यापार की कुल लागत से बहुत अधिक लाभ होता है.

मधुमक्खी पालन बिज़नेस स्टार्ट करने के लिए लोन/सब्सिडी

मधुमक्खी पालन जैसे छोटे व्यापार के लिए लोन MSME विभाग तथा लघु उद्योग के अंतर्गत आता है, मधुमक्खी पालन के लिए सरकार कुल लागत का 65 फीसदी लोन तथा 25 प्रतिशत की सब्सिडी दे रही है. सरकार की इस मधुमक्खी पालन लोन/सब्सिडी योजना से व्यवसायी को कुल लागत का सब्सिडी मिलने के बाद 10 फीसदी ही अपने पास से लगाना होता है।

मधुमक्खी पालन लाइसेंस

मधुमक्खी पालन का व्यापार शुरू करने के लिए सबसे पहले आपको अपने प्लांट के लिए (माइक्रो, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय) उद्योग आधार में पंजीकरण करवाना होगा उसके बाद शहद ब्यवसाय के लिए खाद्य विभाग से FSSAI लाइसेंस की आवश्यकता होगी.

शहद की पैकेजिंग और मार्केटिंग

पैकेजिंग

मधु(शहद) की पैकेजिंग करने के लिए आपको अपना एक ब्रांड नाम का चयन करना होगा उसके बाद पैकेजिंग करने के लिए कांच के बोतल के डिजाईन का चयन करना होगा तथा उसके बाद आपको यह तय करना होगा की आप अपने शहद(मधु) को कितने ग्राम के बोतल में पैकिंग करेंगे वैसे आप कम से कम 100 ग्राम के बोतल में अपने ब्रांड को बेच सकते हैं.

मार्केटिंग

अगर आप भी मधु का व्यापार करके मार्किट में अपनी एक पहचान बनाना चाहते हैं तो आपको बेहतर क्वालिटी औए 100% शुद्ध मधु को सेल करना होगा. यदि आप बाजार में अच्छी और गुणवत्तायुक्त शहद का ब्यापार करेंगे तो बहुत जल्द ही आप अपनी और अपने ब्रांड की पहचान मार्केट में बना लेंगे। आप अपने ब्रांड को डायरेक्ट अपने नजदीकी बाजार की दुकानों, अखबारों में ऐड छपवाकर, पोस्टर लगाकर तथा ऑनलाइन ऐड भी दिखा सकते हैं।

मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण केंद्र

जो भी इच्छुक किसान भाई मधुमक्खी पालन करना चाहते हैं उनके लिए एक सुनहरा अवसर प्राप्त होने जा रहा है. कृषि विज्ञान केंद्र, मुरैना में आने वाली 21 से 27 मार्च तक मवैज्ञानिक विधि धुमक्खी पालन हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है.

रा वि सिं कृ वि वि ग्वालियर से सम्बद्ध कृषि विज्ञान केंद्र के इच्छुक नवयुवक / कृषक इस आयोजित धुमक्खी पालन प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं. शुरू होने वाले इस सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम मे नवयुवक / कृषक की लिए आवास और भोजन की व्यवस्था निशुल्क दी जाएगी.

Q: सामाजिक कीट किसे कहते है?

ANS: मधुमक्खियों को सामाजिक कीट कहा जाता है क्योंकि ये सब आपस में मिल-जुलकर काम करती हैं.

Q: मधुमक्खी पालन कांटेक्ट नंबर?

ANS: मधुमक्खी पालन हेल्पलाइन नंबर/टोल फ्री नंबर 1800-180-1551.

Q: मधुमक्खी पालन का सबसे अच्छा समय कौन सा है?

ANS: मधुमक्खी पालन का सही समय सर्दियों का समय होता है. क्योंकि मधुमक्खियों को फूलों की आवश्यकता होती है, जिससे ये पराग एकत्रित करके शहद बनाती हैं। इसलिए नवंबर का महीना मधुमक्खी पालन के लिए जिससे सबसे उचित समय होता है.

Q: मधुमक्खी पालन बॉक्स प्राइस.

ANS: मधुमक्खी पालन के लिए उपयोग में आने वाले एक madhumakhi palan box price 4000 रूपये होती है..

Q: मधुमक्खी कौन से महीने में अंडा देती है?

ANS: अक्तूबर से दिसम्बर तक.

निष्कर्ष-

प्यारे दोस्तों और किसान भाइयों आज हमने आपको मधुमक्खी पालन किसे कहते हैं, मधुमक्खी पालन का अपना व्यापार शुरू करें कैसे तथा मधुमक्खी पालन व्यवसाय एवं शहद(मधु) निर्माण का व्यापार में जानकारी दी है. यदि आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो आप इसे शेयर जरुर करें.

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