पेरिस। दुनिया की सबसे रहस्यमय, महंगी और चर्चित तस्वीर मोनालिसा पर फ्रांस की राजधानी पेरिस में एक दर्शक ने हमला कर दिया। हमलावर ने इस पेंटिंग पर पहले केक पोत दिया और उसके बाद तस्वीर को सुरक्षित रखने के लिए लगाए गए शीशे को तोड़ने की कोशिश की। अचानक हुए इस हमले में पेंटिंग को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। बताया जा रहा कि पर्यावरण के नाम पर पब्लिसिटी स्टंट करने के लिए आरोपी ने यह हमला किया।
पेरिस के अभियोक्ता कार्यालय ने बताया सोमवार को एक 36 वर्षीय व्यक्ति को रविवार को हुई इस घटना के सिलसिले में हिरासत में ले लिया गया है। उसे पुलिस के मनोरोग यूनिट के पास भेजा गया है। सांस्कृतिक कलाकृति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में जांच शुरू हो गई है। सोशल मीडिया में वायरल हो रहे वीडियो में दिखाई दे रहा है कि एक व्यक्ति विग पहनकर व्हील चेयर पर बैठकर पहुंचा। उसने लिपस्टिक लगा रखी थी।
आरोपी व्यक्ति ने म्यूजियम की गैलरी में गुलाब के फूल भी फेंके। आरोपी की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। हमलावर पहले खुद को एक वृद्ध महिला दिखाने की कोशिश की और फिर अचानक से व्हील चेयर से खड़ा हो गया। इसके बाद उसने मोनालिसा की बुलेटप्रूफ तस्वीर पर हमला कर दिया। उसने तस्वीर पर केक भी पोत दिया। हमलावर ने कहा कि वह पर्यावरण कार्यकर्ता है और विरोध स्वरूप उसने पेंटिंग पर केक पोता है।
हमलावर ने कहा धरती के बारे में सोचिए। लोग धरती को तबाह करने की प्रक्रिया में हैं। कलाकार धरती के बारे में सोचते हैं और इसी वजह से मैंने यह किया है। धरती के बारे में सोचिए। बता दें कि इस पेंटिंग को करीब 500 साल पहले मशहूर पेंटर लिओनार्दो डा विन्ची ने बनाया था। विन्ची ने यह पेंटिंग साल 1503 में बनाना शुरू किया था और 14 साल बाद यह पेंटिंग बनकर तैयार हुई थी। ज्ञात हो कि मोनालिसा की पेंटिंग पर इससे पहले भी हमले हो चुके हैं। यही नहीं सन 1911 में तो यह पेंटिंग एक कर्मचारी ने चोरी भी कर ली थी।
मोनालिसा का मतलब माई लेडी होता है। यह न केवल एक पेंटिंग है बल्कि अपने आप में एक रहस्य भी है। इस तस्वीर की सबसे बड़ी खासियत, इसकी मुस्कान है। दुनियाभर में इसपर अब तक कई शोध किए जा चुके हैं। मोनालिसा पेंटिंग में बने चेहरे की मुस्कान हर कोने से अलग ही एंगल में दिखाई देती है। पहले यह काफी ज्यादा दिखाई देती है, फिर धीरे-धीरे यह फीकी पड़ने लगती है, आखिर में तो यह पूरी तरह से खत्म हो जाती है। मोनालिसा के सिर्फ होंठ बनाने के लिए ‘लिओनार्दो डा विन्ची’ को 12 साल लग गए थे।