एपल के CEO टिम कुक बोले- अब “ब्रीच ऑफ प्राइवेसी” के लिये खुद को ढाल रहे लोग

एपल के CEO टिम कुक ने प्राइवेसी मामले पर चिंता जाहिर की है। कुक ने कहा- ब्रीच ऑफ प्राइवेसी, यानी निजता का हनन अब लोगों के लिए धीरे-धीरे नॉर्मल होने लगा है। लोग इसे अलग तरीके देख रहे है और खुद को इसके मुताबिक ढाल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि अगर हमें यह लगने लगे कि हर समय हमारी निगरानी की जा रही है, तो हमारे व्यवहार में बदलाव आ जाता है। हम खुलकर रहने की बजाए हिचकिचाने लगते हैं और अपने सोचने के तरीके भी बदलने लगते हैं। कुक ने एपल के उन उपायों के बारे में बताया जिनसे लोगों की निजता बनी रहती है।

पर्सनल डेटा अब पर्सनल नहीं, बल्कि – टिम कुक

कुक ने दावा किया कि एपल अपने कस्टमर्स की प्राइवेसी बनाए रखती है। यही चीज एपल को अन्य कंपनियों से अलग करती है। उन्होंने कहा कि एक अजीब बात यह है कि लोगों का निजी डेटा निजी नहीं रहा। यह कहना मुश्किल है कि एक कंपनी किस तरह से लोगों का निजी डेटा लेती है। टिम ने कहा कि 2014 में होमोसेक्सुअलिटी के बारे में दुनिया को बताना मेरी निजता के खिलाफ था, लेकिन युवाओं की मदद करने के लिए उन्होंने ऐसा किया।

उन्होंने पाया कि एलजीबीटी-क्यू (LGBT-Q) समुदाय को बहुत तंग किया जा रहा था। उन्होंने सोचा कि अगर वे अपने होमोसेक्सुअल होने के बारे में दुनिया को बताकर एक भी व्यक्ति की मदद कर सकते है, तो उन्हें गर्व होगा। लिहाजा, अपनी प्राइवेसी को खुद की इच्छा से किनारे कर दिया। अंत में उन्हें लगा कि वे इस स्थिति में हैं कि कुछ अच्छा कर पाएं।

इस वजह से होमोसेक्सुअलिटी को किया पब्लिक

टाइम मैगजीन के शिखर सम्मेलन में शामिल टिम कुक ने होमोसेक्सुअलिटी के सवाल पर एग्जीक्यूटिव एडिटर जॉन सीमंस से कहा कि होमोसेक्सुअलिटी को पब्लिक करने का फैसला गहन विचार-विमर्श के बाद लिया था। लोग इस बात को किस तरह सुनेंगे और स्वीकारेंगे यह भी सोचा। उन्हें लगा कि ऐसा करने से कहीं कंपनी के प्रोडक्ट से हटकर लोगों का पूरा ध्यान उन पर केंद्रित तो नहीं हो जाएगा।

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