-16 और 17 फरवरी को जुटेंगे आरएसएस व भाजपा के पदाधिकारी
-पूर्वी उत्तरप्रदेश के गोरक्ष, अवध, काशी व कानपुर प्रांत के लोग रहेंगे
-इसके पहले ही आरएसएस के जिम्मेदारों ने तैयार कराई है सर्वे रिपोर्ट
-इसी रिपोर्ट के आधार पर प्रयागराज में होगी बात व तय होगी रणनीति
गोपाल त्रिपाठी
गोरखपुर। मिशन 2019 की सफलता के लिए जहां भाजपा दिन-रात एक कर रही है वहीं राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) में भी मंथनों का दौर चल रहा है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के चारों प्रांतों की कार्यकारिणी की 23 से 30 जनवरी तक कानपुर में बैठक के बाद अब 16 और17 फरवरी को प्रयागराज में गोरक्ष, काशी, अवध और कानपुर प्रांत के वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक होने जा रही है। इसमें चुनावी स्थितियों की लोकसभावार समीक्षा होगी।
उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा के गठबंधन और प्रियंका गांधी को कांग्रेस का महासचिव बनाकर पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभार सौंपे जाने से बदले चुनावी माहौल का आंकलन हर कोई अपने-अपने ढंग से कर रहा है। हालात पर संघ भी बराबर नजर रखे हुए है। भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिवप्रकाश ने हाल में गोरखपुर में प्रवास के दौरान संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ कई बैठकें की थीं। इन बैठकों में भाजपा और अन्य अनुषांगिक संगठनों के वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। ऐसी ही एक बैठक में संघ ने चुनाव के दौरान समन्वय बनाने के लिए लोकसभावार संयोजकों की नियुक्ति की थी। ये संयोजक नगर और मंडल स्तर पर लगातार बैठकें कर अपनी तैयारी में लगे हैं।
सूत्रों के मुताबिक इस बीच पूर्वी उत्तर प्रदेश के चारों प्रांतों के 52 लोकसभा क्षेत्रों में भाजपा सहित अन्य राजनीतिक दलों की जमीनी हकीकत पर एक गोपनीय रिपोर्ट भी तैयार की गई है। इस रिपोर्ट में वर्तमान सांसदों और विधायकों के कामकाज, सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के असर, गठबंधन के प्रभाव और लोकसभा-विधानसभावार स्थानीय समीकरणों का ब्यौरा है। सभी पहलुओं पर मंथन कर अपनी रणनीति तय करने के लिए संघ में बैठकों का दौर चल रहा है। प्रयागराज की बैठक में भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारियों के भी मौजूद रहने की सम्भावना है।
सीएम कर चुके हैं आठ लोकसभा क्षेत्रों की समीक्षा
भाजपा में भी लोकसभा और विधानसभावार समीकरणों के मूल्यांकन का दौर चल रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद एक-एक सांसद, विधायक, लोकसभा चुनाव प्रभारी, जिला प्रभारी और संयोजकों से मिलकर हालात की जानकारी ली। बीते 27 जनवरी को सर्किट हाउस में उन्होंने डुमरियागंज, बस्ती, संतकबीरनगर, महराजगंज और कुशीनगर लोस क्षेत्रों की चुनाव संचालन समितियों के साथ छह घंटे मंथन किया था। इसके बाद हर लोकसभा क्षेत्र की अलग-अलग बैठकें की थी। बीते गुरूवार को उन्होंने गोरखपुर क्षेत्र की बाकी आठ लोकसभा सीटों (गोरखपुर, बांसगांव, देवरिया, सलेमपुर, आजमगढ़, बलिया, घोसी और लालगंज) को लेकर विधानसभावार समीक्षा की। बैठक में सांसदों-विधायकों, जिलाध्यक्षों, लोकसभा संयोजकों, जिला प्रभारियों सहित चुनाव संचालन से जुड़े सभी पदाधिकारी शामिल रहे।