आगामी लोक सभा चुनाव के पहले सियासी माहौल गरमा गया है. सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है. हाल में ही सपा-बासप गठबंधन के बाद यूपी में भाजपा के लिए एक बड़ी परेशानियो का दौर शुरू हो गया है. इस बीच कांग्रेस ने भी अकेले यूपी में 80 सीटो पर चुनाव का ऐलान कर दिया है. इसी साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी नेताओं का मिलना-जुलना जारी है. महागठबंधन की एकता को बढ़ाने के लिए पिछले कुछ दिनों में कई तरह के समीकरण सामने आए हैं. इस बीच चची शिवपाल में एक बयान से फिर सियासत को गरमा दिया है. शिवपाल ने रविवार को कहा कि वह चुनाव में किसी को ‘चाचा या भतीजे’ के रूप में नहीं बल्कि सिर्फ विरोधी के रूप में देखेंगे। बता दें कि शिवपाल ने सपा से अलग होकर अपनी एक अलग पार्टी बनाई है। इस मौके पर शिवपाल ने रामपुर से संजय सक्सेना और मेरठ से अनामिका अंबेर को अपना उम्मीदवार घोषित किया। ये दोनों पहली बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं।
अभी फिरोजाबाद सीट पर सपा महासचिव राम गोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव सांसद हैं। अक्षय अपने निर्वाचन क्षेत्र में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि शिवपाल के यहां आने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। उन्होंने कहा कि ‘शिवपाल भाजपा के आदमी हैं और उन्होंने अपने क्षेत्र में जो स्वच्छता फैलाई है उस पर वह गंदगी फैलाने आए हैं।’
फिरोजाबाद में अपनी ‘हैं तैयार हम’ रैली को संबोधित करते हुए शिवपाल ने कहा कि सपा में जिन लोगों ने हमेशा लाभ लिया उन लोगों ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया। अब वे लोग उन पर भाजपा की ‘बी टीम’ होने का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘चूंकि मैंने फिरोजबाद से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है ऐसे में अब कोई चाचा और भतीजा जैसी बात नहीं है। हम लोग सिर्फ विरोधी हैं। मैं देश और यूपी को प्रगति करते देखना चाहता हूं।’
शिवपाल ने कहा कि वह सत्ता से भाजपा को हटाना और ‘समान विचारधारा वाली धर्मनिरपेक्ष पार्टियों के साथ गठबंधन’ करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव यदि उनके चुनाव चिह्न पर चुनाव नहीं लड़ना चाहते तो भी वह उनकी जीत के लिए उनका समर्थन करेंगे।