सीतापुर : सनातन धर्म का उत्थान सनातनी युवाओं का उज्जवल भविष्य है

नैमिषारण्य-सीतापुर। आज देश में कुछ इस तरीके का माहौल है कि अब हिंदुओं को सनातन धर्म की शिक्षा व सर्वसम्मत धर्मसंदेश के साथ एकजुट होने की बड़ी जरूरत है। देश में सेक्युलरिज्म के नाम पर हिंदुओं पर अनकहा दबाव बनाया जा रहा है। देश में हिंदू संस्कृति की रक्षा/संवर्धन में संतों की महती भूमिका है।

हम उसी भूमिका का निर्वहन करने देश में जन जागरण के लिए निकले हैं। उपरोक्त बात आज नैमिषारण्य तीर्थ अंतर्गत पंचायती धर्मशाला में श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी के प्रतिनिधि अमृतानंद ने कहीं।

सनातन धर्म जागरण यात्रा के बारे में स्वामी अमृतानंद ने बताया कि महामंडलेश्वर यति नरसिंहानन्द गिरि का संदेश लेकर ही संत जागृति यात्रा हरिद्वार के सर्वानंद घाट से प्रारंभ हुई है जिसका उद्देश्य सनातन धर्म में सर्वमान्य धर्मानुशासन और एक सर्वमान्य पुस्तक का लक्ष्य है जो अब नैमिषारण्य तीर्थ आई है।

अपने पहले चरण में ये यात्रा संपूर्ण हिंदी भाषी क्षेत्रों में जाएगी और सभी धार्मिक मठ, मंदिरों और आश्रमों तक संत जागृति संदेश का प्रचार प्रसार करेगी। वही दूसरे चरण में यात्रा दक्षिण भारत जाएगी जहां महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी भी भाग लेंगे। इस यात्रा के अंतिम चरण में हरिद्वार के संतो के दर्शन करेंगे और उन्हें पूरे देश के संतो से विचार विमर्श के बारे में जानकारी देगें।

इस संत जागृति यात्रा में स्वामी अमृतानंद, बालयोगी ज्ञान नाथ, स्वामी कृष्णानंद गिरी, यति कृष्णानंद सरस्वती व अन्य संत हैं जो महामंडलेश्वर के पत्र देश के सभी संतो तक लेकर जाएंगे और उनसे सनातन धर्म और सनातन धर्म के मानने वालों की रक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का आग्रह करेंगे।

इस मौके पर 84 कोसी परिक्रमा समिति के सचिव व बनगढ़ महंत संतोष दास खाकी, कबीर आश्रम के अटल साहेब, आत्म प्रकाश, प्रज्ञा चक्षु कृष्ण दास आदि संत महंत मौजूद रहे।

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