कुम्भ नगर. भाषा, संस्कृति, आध्यात्म के साथ गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम कुंभ मेले में बसंत पंचमी के पावन पर्व पर तीसरा और अंतिम शाही स्नान आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) समेत अन्य सुरक्षा एजेंसियों के चाकचौबंद इंतजामों के बीच तड़के पारम्परिक तरीके में शुरू हो गया। तड़के से ही संगम की विस्तीर्ण रेती पर श्रद्धालुओं का रेला उमड़ा।
‘हर हर गंगे और गंगा तेरा पानी अमृत झर-झर बहता जाये’ के कर्ण प्रिय स्वर लहरियां मन को आस्था से सराबोर कर रही थीं। श्रद्धालु कई-कई किलाेमीटर की पैदल यात्रा कर तीर्थराज त्रिवेणी गंगा,यमुना और अदृश्य सरस्वती के तट पर पहुंचे। श्रद्धालुओं ने शनिवार की रात से आस्था की डुबकी लगानी शरू कर दी। दोपहर तक लगभग दो करोड़ लोगो ने स्नान किया।
ज्योतिषियों के अनुसार बसंत पंचमी स्नान का मुहूर्त शनिवार सुबह 8.55 बजे से रविवार सुबह 10 बजे तक है। ग्रह-नक्षत्रों की खास स्थिति बनने से नहान और दान करने वाले श्रद्धालुओं को बसंत पंचमी का स्नान मनोवांछित फल प्रदान करने वाला होगा। रेवती नक्षत्र, साध्य योग का विशेष संयोग बसंत पंचमी की पुण्य बेला में संगम में स्नान करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी।
शनिवार की सुबह से श्रद्धालुओं का स्नान करने का क्रम बना रहा जिसकी कड़ी देर शाम जाकर टूटी। उसके बाद मध्य रात्रि से पुन: श्रद्धालुओं का रेला त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाने लगा। शनिवार को दिन में सर्द तेज हवा मानो श्रद्धालुओं की आस्था की परीक्षा ले रहा हो।
रात जैसे-जैसे गहराती गई सर्द हवा अपना दामन फैलाती गयी। संगम की विस्तीर्ण रेती पर खुले अम्बर के नीचे चादर ओढ़े कंप कंपी लगाते श्रद्धालु भोर की प्रतीक्षा कर रहे थे। श्रद्धालुओं के आस्था के सामने सर्द हवा के झोंके को उस समय हार माननी पड़ी जब उन्होंने घाट पर त्रिवेणी में उतरने से पहले मां गंगा का आचमन किया और “ हर हर गंगे, ऊं नम: शिवाय” जपते हुए आस्था की डुबकी लगानी शुरू कर दी।
करीब 3200 हेक्टेयर के क्षेत्रफल में फैले मेला क्षेत्र में जिधर नजर घुमाओ, वहां श्रद्धालु ही नजर आ रहा है। इस दौरान चप्पे चप्पे पर तैनात सुरक्षाकर्मी मुस्तैदी के साथ भीड़ को नियंत्रित करने में जुटे दिखायी दे रहे हैं। पुलिस के जवानो की मदद के लिये आरपीएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी, और आईटीबी समेत अर्ध सैनिक बलों की टुकड़ियां मुस्तैदी के साथ अपने काम को अंजाम देने में जुटी हुयी है। इसके अलावा 500 रेकरूट 10 इंसपेक्टर समेत सुरक्षा बल (बीएसएफ) की दो और कंपनियां मेला क्षेत्र में तैनात की गयी हैं।
कुम्भ के तीसरे शाही स्नान पर्व की शुरूआत परम्परा के मुताबिक श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा ने की। इसके साथ श्री पंचायती अटल अखाड़ा ने भी संगम में डुबकी लगायी। दोनों अखाड़े सेक्टर 16 स्थित शिविर से तड़के 5.15 बजे शाही जुलूस के साथ निकले। भोर 5 :35 बजे पहला शाही स्नान महानिर्वाणी अखाड़ा ने किया। उसके साथ अटल अखाड़ा भी था।
बाद में सुबह 6 बजकर 15 मिनट पर श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा और तपोनिधि श्री पंचायती आनन्द अखाड़ा ने शाही स्नान किया। आठ बजे श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा, श्री पंचदशनाम आवाहन अखाड़ा और श्री शंभू पंच अग्नि अखाड़ा ने एक साथ शाही स्नान किया। इसके बाद बैरागी अखाड़ों के शाही स्नान का क्रम शुरु होगा। इसमें सबसे पहले अखिल भारतीय श्री पंच निर्वाणी अनी अखाड़ा 10.40 बजे शाही स्नान करेगा। उसके बाद अखिल भारतीय श्री पंच दिगम्बर अनी अखाड़ा 11.20 बजे और अखिल भारतीय पंच निर्मोही अनी अखाड़ा 12.20 बजे शाही स्नान करेगा।
उदासीन अखाड़े सबसे अंत में स्नान करने आयेंगे। इसमें सबसे पहले श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन 1.15 बजे, श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन 2.20 बजे और श्री पंचायती अखाड़ा निर्मला 3.40 बजे शाही स्नान करेगा जबकि प्रशासन से हुई बातचीत के बाद अखाड़ों ने शाही स्नान के जुलूस में बड़े वाहन न ले जाने पर सहमति भी दे दी है।
इस बीच संगम में आठ किलोमीटर के दायरे में स्नान के लिए बनाए गए 40 विभिन्न घाटों पर भोर आठ बजे तक 43 लाख श्रद्धालुओ ने आस्था की डुबकी लगा चुके थे। भीड़ को नियंत्रित करने के लिये सुरक्षा बलों के साथ स्वयं सेवक भी लगाये गये है। बाहर के जिलों से आने वाले वाहनो का प्रवेश शहर में प्रतिबंधित कर दिया गया है।
सरकारी बसों और अन्य निजी वाहनो के लिये शहर के बाहरी छोरों पर अस्थायी पार्किंग की व्यवस्था की गयी है जबकि वहां से सिविल लाइंस तक के लिये कुंभ शटल में मुफ्त यात्रा का इंतजाम किया गया है। सिविल लाइंस से संगम तक जाने के लिये केवल पैदल लोगों को इजाजत दी जा रही है।
सुरक्षा की दृष्टि से मेला परिसर में करीब 400 सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं जबकि 96 फायर वाच टावर में तैनात जवान भीड़ को नियंत्रित करने के साथ साथ अवांछनीय तत्वों पर पैनी नजर बनाये हुये हैं। मेला क्षेत्र को 10 जोन में बांट कर सुरक्षा बलों की 37 कंपनियां तैनात की गयी है। अप्रिय स्थिति से निपटने के लिये इसके अलावा 10 कंपनी एनडीआरएफ की तैनाती की गयी है।
बड़ी संख्या में लोगों को रात खुले आसमान के नीचे सोकर गुजारनी पड़ रही है। बिहार, मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र समेत सभी राज्यों से आस्थावानों के आने का सिलसिला लगातार बना हुआ है। ग्रामीण इलाके से आने वाले लोगों की संख्या अधिक है।
कुंभ के आकर्षण ने हजारों की संख्या में अमेरिका, आस्ट्रेलिया, रूस, फ्रांस और कनाडा समेत अन्य देशों के सैलानियों को भी डेरा डालने पर मजबूर कर दिया है। भारी भीड़ को देखते हुए बाहर से आने वाले वाहनों को शहरी सीमा के बाहर फाफामऊ, नैनी, झूंसी और सुलेमसराय आदि इलाकों में बनी पार्किंग में ही रोक दिया जा रहा है।
कुंभ मेला के बसंत पंचमी स्नान पर्व के अवसर पर तीसरे और अंतिम शाही स्नान के बाद धीरे-धीरे मेला की चमक फीकी पड़ने लगेगी। इसके बाद 19 फरवरी को माघी पूर्णिमा और मेला का अंतिम स्नान चार मार्च महाशिवरात्रि पर होगा। सुरक्षा व्यवस्था अखिरी स्नान तक बनी रहेगी।
प्रयागराज कुंभ में बसंत पंचमी के पावन पर्व पर तृतीय शाही स्नान के पुण्य अवसर पर पधारे समस्त संत महात्माओं, धर्माचार्यों एवं श्रद्धालुओं को हार्दिक शुभकामनाएं।
— Yogi Adityanath (मोदी का परिवार) (@myogiadityanath) February 10, 2019