उन्नाव : शौचालय निर्माण मे 62 लाख 16 हजार  के भ्रष्टाचार का मामला…

अमित शुक्ला 
डीएम ने प्रधान के वित्तीय व प्रशासनिक अधिकार सीज कर सचिव को किया निलम्बित 
प्रधान व सचिव पर रिपोर्ट दर्ज करने के दिये आदेश किन्तु 12 दिन बाद भी नही दर्ज कराई गई प्राथमिकी 
सफीपुर उन्नाव । शासन के भ्रष्टाचार मुक्त वादे की तर्ज पर जिलाधिकारी देवेन्द्र नाथ पाण्डेय ने भ्रष्टाचार मे आकन्ठ डूबे प्रधान व सचिव पर चाबुक चलाते हुये पीएम की अति महत्वाकान्छी स्वच्छ शौचालय निर्माण योजना मे 62 लाख 16 हजार रुपए का दुरुपयोग करने एवं कर्तव्यो दायित्यो का निर्वाहन न करने वाले प्रधान के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकारो को सीज करते हुये सचिव को निलम्बित कर दिया। वही प्रधान व सचिव के खिलाफ कोतवाली मे प्राथमिकी दर्ज कराने की सख्त कार्यवाही की है जिससे हडकंप मच गया है।
 मालुम हो कि बिकास खण्ड क्षेत्र के अन्तर्गत सकहन राजपूतान गांव मे 518 स्वच्छ शौचालय निर्माण के लिए 62 लाख 16 हजार रुपए की धनराशि अवमुक्त की गई थी। ग्राम प्रधान सुनीता एवं तत्कालीन सचिव तेजपाल ने शौचालय निर्माण मे व्यापक घापला घोटाला किया मानक के विपरीत निर्माण सामग्री का प्रयोग किया। इतना ही नही बिना लक्ष्य पूर्ति के 90 शौचालयों की धनराशि अनियमित तरीके से वापस भी कर दी और निर्माण भी पुर्ण नही किया। जो निर्माण कराया भी उसमे मानको की अनदेखी की गई। इतना ही नही जो 428 शौचालय का निर्माण करने की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई उसमे भी करीब 56 शौचालय मौके पर मिले ही नही जिनका निर्माण ही नही कराया गया।
इसका खुलासा जिला उद्यान अधिकारी डाक्टर सुनील व जिला स्वच्छता समन्वयक श्रीशनारायण की जांच मे 12 दिसम्बर 18 को हुआ था। जिलाधिकारी देवेंद्र कुमार पाण्डेय ने इस मामले को गम्भीरता से लेते हुये कर्तव्यो एवं दायित्यो का निर्वाहन न करने वाली ग्राम प्रधान सुनीता के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार सीज करते हुये तत्कालीन सचिव तेजपाल को निलम्बित कर दिया। इतना ही नही दोषी पाये गयी ग्राम प्रधान सुनीता व सचिव तेजपाल के खिलाफ कोतवाली मे प्राथमिकी दर्ज करने के सख्त आदेश दिये है।
जिलाधिकारी का आदेश नही मान रहे है अधिकारी और कर्मचारी
उन्नाव। जिलाधिकारी के इस सख्त आदेश से भ्रष्टाचार मे लिप्त लोगो मे हडकंप मच गया है। जिलाधिकारी ने कार्यवाही करके स्पष्ट संकेत कर दिया है कि भ्रष्टाचार करने वालो की खैर नही है। लेकिन खेद जनक यह है कि प्रशासन के अपने ही कुछ तथाकथित अधिकारी कर्मचारी जिले के आला अधिकारियो के आदेशो को रद्दी की टोकरी मे डाल रहे है। बताते चले कि इस शौचालय निर्माण घोटाले मे जिलाधिकारी के निर्देश पर मुख्य विकास अधिकारी ने गत 18 फरवरी 19 को ग्राम प्रधान सुनीता देवी व सचिव तेजपाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के आदेश दिये थे लेकिन 12 दिन बीत गये अभी तक कोतवाली मे रिपोर्ट दर्ज नही कराई गई है।
जिससे विभागीय अधिकारियो की कार्य शैली पर सवालिया निसान लग रहे है। बताते चले कि डीएम के निर्देश के बाद सीडीओ ने 18फरवरी को प्रधान व सचिव के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के आदेश दिये थे।

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