अमित शुक्ला
हजारों लोगों का आवागमन हुआ बाधित
उन्नाव। गंगा कटरी क्षेत्र का लाइफ लाइन माना जाने वाला जगतनगर -सहजनी मार्ग प्रशासन की उदासीनता के चलते ध्वस्त होने की कगार पर जा पहुंचा है। मार्ग खंदको में तब्दील हो चुका है। संबद्ध गांवो में मार्ग पर भीषण जलभराव से गंगा तटवर्ती करीब आधा सैकड़ा गांवो का मार्ग से आवागमन ठप है।
करीब दो दशक पूर्व शुक्लागंज से लेकर बांगरमऊ क्षेत्र के गंगा तटवर्ती करीब एक सैकड़ा से भी अधिक गांवों के लिए आवागमन हेतु पक्का संपर्क मार्ग तो दूर कच्चे मार्गों तक का अभाव रहा। ऐसी स्थिति में गंगा तटवर्ती किसान अपनी कृषि उपज गांव स्तर पर ही बिचौलियों के हाथों औने-पौने भाव पर ही बिक्री को मजबूर थे।
गंगा कटरी क्षेत्र के ग्रामीणों की मांग पर वर्ष 1995 में तत्कालीन जिलाधिकारी अरुण आर्या ने उन्नाव -कानपुर मार्ग पर स्थित ग्राम सहजनी से बांगरमऊ ब्लाक के ग्राम जगतनगर तक गंगा नदी के किनारे पक्का मार्ग निर्माण की घोषणा की थी।
डीएम अरुण आर्या द्वारा जिले के सातो विधायकों की विकास निधि लोक निर्माण विभाग को हस्तानांतरित करा कर मात्र छह माह के अंतराल में ही इस ऐतिहासिक मार्ग का निर्माण करा डाला। तब से यह महत्वपूर्ण मार्ग गंगा कटरी के लिए वरदान साबित होता रहा है। लेकिन वर्तमान में प्रशासनिक उपेक्षा के चलते अब यह मार्ग गहरे गड्ढों में तब्दील हो चुका है। मार्ग से संबंध ग्राम हरदासपुर के प्रधान राकेश निषाद ने बताया कि उमरपुर प्रीतम, रूपपुर पावा, उमरिया भगवंतपुर, खैरुद्दीनपुर व पूराहास सहित करीब आधा सैकड़ा गांवो से गुजरे जगतनगर- सहजनी मार्ग पर घुटनों तक कीचड़ भरा हुआ है। जिससे गंगा तटवर्ती गांवों की करीब पाच लाख आबादी का ब्लॉक मुख्यालयों के लिए आवागमन अवरुद्ध है। मार्ग से संबंध गांवो के डालचंद निषाद, रामविलास निषाद, अमित यादव, रामचरन ,धनीराम निषाद व राकेश निषाद आदि प्रधानों ने जिला प्रशासन से मार्ग का चौड़ीकरण और जीर्णोद्धार कराए जाने की मांग उठाई है।