वरूण सिंह
आजमगढ़ जनपद के वेदांता इंटरनेशनल स्कूल बगही डांड़ में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन किया गया । मुख्य अतिथि के रूप में रामानंद सरस्वती महिला पुस्तकालय की निदेशिका हिना देसाई ने माँ के सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुरुवात किया टीना देसाई ने अपने सम्बोधन में कहा कि महिला जननी, पालक व पोषक है । उन्होंने कहा कि एक कुम्हार सुराई का निर्माण करता था लेकिन एक दिन वह घड़े का निर्माण करने लगा तो सुराही ने कहा कि आप हमको घड़ा क्यो बना दिये तो कुम्हार ने कहा कि सोचा आज घड़ा ही बना दे इस पर सुराही ने कहा आप तो केवल सोच बदले हमारा तो जीवन ही बदल गया।
कहने का तात्पर्य है कि सोच बदलने की जरूरत है जीवन अपने आप बदलेगा। वीरांगना महिला सेवा की अध्य्क्ष पूनम सिंह ने कहा कि हमको अपने आप को पहचानना होगा और अपने महत्व को समझना होगा तभी महिलाओं को उनका सम्मान मिल पायेगा । डॉ प्रतिभा सिंह ने कहा कि महिला किसी भी ब्यक्ति के लिए प्रथम पाठशाला होती है । महिलाओं की निर्माण में भूमिका महत्वपूर्ण होती है । डॉ अलका सिंह ने कहा कि महिलाओं की बिभिन्न रूप हैं वह कभी ममता की मूर्ति होती है तो कभी पुरूष की ताकत होती हैं।
अभया महिला सामाजिक सेवा संस्थान की अध्यक्ष अनामिका सिंह पालीवाल ने कहा कि नारी वह शक्ति है जिसको सृजनात्मक व रचनात्मक छमता भगवान ने दी हैं जो किसी और को नही मिली है। भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष डॉ संचिता बैनर्जी ने कहा कि सरकार की तरफ से बहुत सारी योजनाये महिलाओं के विकास के लिए चल रही है जरूरत है उसको जानने और उससे लाभान्वित होने की।
इसी क्रम में विभिन्न खेलो का आयोजन किया गया जिसमें गेस लेडीज हैंड बैग, फन विथ कॉस्मेटिक नेम, फन विथ पेब्बल और पासिंग द पार्सल मुख्य रहा। ततपश्चात डांडिया नृत्य और अंत में होली हुड़दंग में लोगों ने एक दूसरे को अबीर गुलाल लगाया। कार्यक्रम के अंत में संस्था के मैनेजिंग डायरेक्टर शिव गोविंद सिंह ने आगंतुक अतिथियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में डॉ अभिषेक पाण्डे डिप्टी डायरेक्टर व प्राचार्य आर एस शर्मा ने सभी का स्वागत एवम धन्यवाद ज्ञापित किया । विद्यालय परिवार की उप प्राचार्य निकिता सिंह, सुनीता वर्मा, चंचल शर्मा, उजाला गौतम, नीलम चौहान, अर्चना श्रीवास्तव, विशाखा राय सोनू मौर्य, बी अन ओझा, रविसेन राय, फ़हीम अहमद अजय श्रीवास्तव सहित सभी शिक्षक व शिक्षिकायें उपस्थित रही।