आगामी लोक सभा चुनाव से पहले बुआ-बबुआ के गठबंधन को बड़ा झटका लगा है. बताते चले बसपा के तीन पूर्व विधायक सहित कई नेता कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। इन तीन नेताओं में एक रालोद पार्टी के भी नेता हैं। इन सभी को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई। राज बब्बर ने तीन पूर्व विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह, भगवान सिंह कुशवाहा, ठाकुर सूरजपाल सिंह और रालोद नेता को कांग्रेस में शामिल कराया।
फतेहपुर सीकरी सीट पर वापसी के बाद ही राज बब्बर ने बसपा और रालोद को बड़ा झटका दिया है। प्रदेश अध्यक्ष ने बहुजन समाज पार्टी के तीन पूर्व विधायकों को कांग्रेस में शामिल कर लिया है। इसके साथ ही गठबंधन की मुश्किलें भी बढ़ा दी हैं।
संजय प्लेस स्थित होटल पीएल पैलेस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राज बब्बर ने बताया कि बसपा के पूर्व विधायक ठाकुर सूरजपाल, पूर्व विधायक बसपा डॉ. धर्मपाल सिंह, और पूर्व विधायक बसपा भगवान सिंह कुशवाह, अकोला ब्लॉक प्रमुख ओंकार सिंह चाहर, पूर्व विधायक अनिल चौधरी कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए हैं। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बसपा और रालोद के दिग्गज नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने की खबर ने राजनीतिक गलियारों में खलबली मचा दी है। इसे बसपा और रालोद के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। एक तरफ फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट पर राज बब्बर की वापसी से गठबंधन को झटका लगा है, वहीं इसे भाजपा प्रत्याशी राजकुमार चाहर के लिए भी कड़ी चुनौती माना जा रहा है।
डॉ. धर्मपाल ने कहा
इस मौके पर बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए डॉ. धर्मपाल ने कहा कि राज बब्बर उनके बड़े भाई की तरह हैं, इसलिए उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। वहीं पूर्व विधायक भगवान सिंह कुशवाहा ने कहा कि माननीय कांशी राम जी जिन्होंने बसपा की स्थापना की थी, उनकी नीतियों से बहन मायावती भटक गई हैं। सच्चा सिपाही वही होता है जो राजा को गलत निर्णय लेने पर बताए कि उन्होंने गलत निर्णय लिया है। उन्होंने जो निर्णय लिया है वो गलत था, जनता ने इसे अस्वीकार किया है। वहीं फतेहपुर सीकरी सीट पर राज बब्बर की वापसी को लेकर पूर्व विधायक भगवान सिंह कुशवाहा ने कहा कि राज बब्बर के वापस आने पर अब एक तरफा चुनाव हो गया है। किसी से कोई लड़ाई है ही नहीं। उनकी जीत पक्की है।