गोपाल त्रिपाठी
गोरखपुर। बसपा के वरिष्ठ नेता डॉ. अशोक श्रीवास्तव का शुक्रवार की देर रात निधन हो गया। वह 65 वर्ष के थे। शनिवार की रात 8 बजे के करीब बेचैनी महसूस होने पर उन्हें पैडलेगंज स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। रविवार को भी काफी संख्या में लोग उनके घर पर शोक संवेदना व्यक्त करने पहुंचे। रविवार की शाम उनका राजघाट पर अंतिम संस्कार किया गया। उधर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।
परिजनों के अनुसार
वह बीपी व शुगर के मरीज थे। सुबह उन्होंने स्वयं चाय बनाकर व नारियल पानी पिया। दोपहर तक वह बिल्कुल स्वस्थ थे। शाम को अचानक बुखार हुआ। अशोक श्रीवास्तव बारह भाई बहनों में सबसे बड़े थे। उसके बाद इंजीनियर प्रदीप श्रीवास्तव, डॉ. मनोज श्रीवास्तव, इंजीनियर रंजीत श्रीवास्तव, इंजीनियर संजीत श्रीवास्तव, इंजीनियर मंजीत श्रीवास्तव, बहन सुषमा, कुमकुम, साधना, अनीता, अमिता व कंचन है। अशोक श्रीवास्तव की बड़ी बेटी भावना की 8 जून को शादी है उससे छोटा बेटा अनुभव है।एमजी इंटर कॉलेज से उन्होंने राजनीति की शुरुआत की। इसके बाद वर्ष 1987-88 में गोरखपुर विवि छात्रसंघ के अध्यक्ष चुने गए। पहली बार उन्होंने निर्दल प्रत्याशी के रूप में वर्ष 1989 में विधानसभा का चुनाव लड़ा। इसके बाद वर्ष 2002 में बसपा के टिकट पर वह चुनाव लड़े। वह विभिन्न संगठनों से जुड़े रहे। उनके निधन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, गोविवि छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष राधेश्याम सिंह, विधायक शीतल पांडेय, पूर्व अध्यक्ष धीरज सिंह हरीश, डॉ. समीर कुमार सिंह, डॉ. रतनपाल सिंह, डॉ. भानु प्रताप सिंह, भाजपा के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष डॉ. सत्येन्द्र सिन्हा, पूर्व उपाध्यक्ष योगेश प्रताप सिंह आदि ने शोक संवेदना व्यक्त की है।