स्थानीय निकाय निदेशालय ने ईओ के के भडाना को किया सस्पेंड

18 सितंबर को के के भडाना को लखनऊ संबंध करने के बाद उन्होंने शासन के आदेश को हाई र्कोट मे चुनौती दी थी।

जनहित के कार्यों के प्रति शिथिलता, उदासीनता एवं लापरवाही बरतने पर हुई कार्रवाई

अगस्त माह में जलभराव के दौरान के के भडाना की कार्यशैली को लेकर विधायक थे नाराज

सफाई कर्मचारियों की सैलरी समय पर न देने का मुद्दा और आउटसोर्सिंग के ठेको में गड़बड़ी के आरोप भी भडाना के लिये बने कारण

  • जितेन्द्र सिंह वर्मा

लोनी। नगर पालिका का सवा दो महीने पहले ही चार्ज संभाल ईओ के के भडाना विवादों में ऐसे घिरे की उनके मुश्किलें कम होने की नाम नही ले रही । पिछली 18 तारीख को मुख्यमंत्री के निर्देश पर तत्काल प्रभाव से अपने प्रशासनिक दायित्वों से हटाकर नगर निकाय निदेशालय, लखनऊ से संबद्ध कर दिया गया था उसके बाद के के भडाना हाईकोर्ट चले गए वहां से वे अगली सुनवाई तक का स्टे ऑर्डर लाकर राहत की सांस ले भी नहीं पाये थे , कि नगर निकाय निदेशालय लखनऊ की निदेशक ने उन्हे संविदा पर काम करने वाले कर्मचरियो के वेतन में लापरवाही और वित्तीय अनियमितताओं के मामले में सस्पेंड कर दिया । इस दौरान उन्हें आधा वेतन मिलेगा जो कि नगर पालिका लोनी से निर्गत किया जाएगा ।
नगर विकास मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो लोनी के अधिशासी अधिकारी पर जनहित के कार्यों के प्रति शिथिलता, उदासीनता एवं लापरवाही बरतने की शिकायतों के अलावा विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने सीएम योगी से शिकायत की थी कि नगर पालिका ईओ राजनीति से प्रेरित होकर अपने जिम्मेदारी से विमुख काम कर रहे है। यही कारण रहा कि अगस्त माह में दिल्ली सहारनपुर रोड पर जलभराव हुआ और करोड़ों की लागत की सड़क टूट गई उनके संज्ञान लेने के बाद अधिकारी हरकत में आये थे वही संविदा कर्मचारियों को नियम विरुद्ध मस्टररोल पर काम कराने के मामले तथा वित्तीय अनियमितता ये के चलते 18 सितंबर को लोनी से हटा कर लखनऊ नगर निकाय निदेशालय से संबद्ध कर दिया था । इसके बाद के के भडाना ने हाईकोर्ट जाकर रिट दायर की उन्होंने कहा था कि उनका पक्ष नहीं सुना गया इस मामले में र्कोट ने अगली सुनवाई तक के लिये स्टे दे दिया था। नगर निकाय निदेशालय ने उनकी वित्तीय अनियमितताओं और अन्य लापरवाही के के चलते उन्हे सस्पेंड कर दिया । सस्पेंड करेन का आदेश स्थानीय निकाय निदेशालय लखनऊ की निदेशक नेहा शर्मा ने सोमवार को जारी किया है। उन्होंने अपने आदेश में अनुशासन पर कार्यवाही के लिये नगरीय निकाय निदेशालय के उपनिदेशक डॉ सुनील कुमार यादव को जांच अधिकरी नियुक्त किया गया है।

विवाद के है ये प्रकरण

1- अगस्त माह में दिल्ली सहारनपुर रोड पर 15 दिनों तक जलभराव रहा सउक तालाब बनी रही विधायक ने दौरा किया कि आखिर कहो समस्या हे। लेकिन ईओ कोई संतुष्ट जवाब नही दे पाये विधायक का कहना था कि शहर पानी में डूब रहा हे। आप अपनी नियुक्ति के बाद शांति नगर नाले पर कितनी बार आये है जवाब मिला कभी नहीं, इस मामले में सरकार की काफी किरकिरी हुई थी ।

2–अगस्त माह में ही पुश्ता पार चमन विहार विजय विहार आदि कालोनीयों में जल भराव की शिकयतो के बाद विधायक ने सरकारी दौरा किया था कालोनी मे जल भराव और लोगो की समस्याओं को सुनकर विधायक नंदकिशोर गूर्जर का पारा सातवें आसामान पर पहुंच गया एक कालोनी वासी की शियत करने पर ईओ ने उन्हे रोक दिया था तब उन्होंने नगर पालिका ईओ के के भड़ाना को हडकाते हुये कह दिया कि अधिकारी हो या गुंडे, पब्लिक की आवाज को सुनना पडेगा, लोगों को आप धमका नही सकते, यह योगी की सरकार है। जीरो टालरेंस की नीती पर लोगो की समस्याओ को सुन कर उनका समाधान हर हाल में करना पडेगा

3-सफाई कर्मचारियों को का वेतन रिलीज न करना – अगस्त माह में सफाई कर्मचारियों को वेतन देने में में देरी करने पर सफाई कर्मचारियों को रक्षा बंधन त्योहार उधार मांग कर मनाना पडा सुई कर्मचारियों ने वेतन के लिये सउो पर भीख मांगना नगर पालिका में भैंस के आगे बीन बजाना जेसे प्रदर्शन के बाद पालिका परिसर में आत्दाह का प्रयास किया था इस मामले में सफाई आयोग के सदस्य ने संज्ञान लिया था।

4 – विधायक का आरोप था कि ईओ नगर पालिका में भ्रष्टाचार को बढावा दे रहे है। उनके पास ठेकेदार की शिकायत उनके पेमेंट को लेकर आई थी ठेकेदारो का कहना था कि ईओ ने उनकी पेमेंट रोक दी और उनसे पेमेंट के एवज में एडवांस कमीशन मांगा जा रहा है।

5- खोडा भी चेयरमैन रीना भाटी के साथ विवाद काफी चर्चित रहा।

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