केंद्र ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) उदय उमेश ललित को पत्र लिखा है। केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने इस पत्र में CJI से उनके उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश करने को कहा है। CJI 8 नवंबर को रिटायर होने वाले हैं। उन्होंने 26 अगस्त, 2022 को चीफ जस्टिस के रूप में शपथ ली थी। CJI के तौर पर उनका कार्यकाल सिर्फ 74 दिन का होगा।
परंपरा के अनुसार, CJI दूसरे सबसे सीनियर जज के नाम की सिफारिश सरकार को भेजते हैं। CJI ललित के बाद दूसरे सबसे सीनियर जज जस्टिस चंद्रचूड़ हैं। ऐसे में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ 50वें हो सकते हैं। अगर चंद्रचूड़ CJI बनते हैं, तो उनका कार्यकाल 9 नवंबर, 2022 से 10 नवंबर, 2024 तक यानी 2 साल का होगा।
CJI ने 5000 मामलों का किया निपटारा
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यूयू ललित ने 27 अगस्त को CJI का पदभार संभालने के बाद अब तक कुल 5,000 से ज्यादा मामलों का निपटारा किया है। इनमें 13 कार्य दिवसों में 3500 से अधिक विविध मामलों, 250 से अधिक नियमित सुनवाई मामलों और 1200 से अधिक स्थानांतरण याचिकाओं के मामले शामिल हैं।
उन्होंने लिस्टिंग सिस्टम की शुरुआत भी की, ताकि सालों पुराने लंबित मामलों की तेजी से निपटाया जा सके। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट के अनुसार, 26 अगस्त तक कोर्ट में 71,411 अन्य मामले लंबित थे। इनमें आर्टिकल 370, नोटबंदी, CAA, इलेक्टोरल बॉन्ड, UAPA और सबरीमाला जैसे केस शामिल रहे।
CJI बनने वाले दूसरे जज हैं ललित
जस्टिस ललित ने जून 1983 में एक एडवोकेट के रूप में नामांकन किया। उन्होंने दिसंबर 1985 तक बॉम्बे हाईकोर्ट में प्रैक्टिस की, फिर जनवरी 1986 में प्रैक्टिस को दिल्ली ट्रांसफर कर दिया। उन्हें अप्रैल 2004 में सुप्रीम कोर्ट की ओर से सीनियर एडवोकेट के रूप में नॉमिनेट किया गया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत सभी 2जी मामलों में सुनवाई करने के लिए उन्हें CBI के लिए स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर नियुक्त किया गया था।
जस्टिस ललित दो कार्यकालों के लिए सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया लीगल सर्विसेज कमेटी के सदस्य भी थे। क्रिमिनल लॉ विशेषज्ञ जस्टिस ललित 13 अगस्त, 2014 को बार से सुप्रीम कोर्ट के जज बने। बार से CJI बनने वाले वे दूसरे जज हैं।