
महोली-सीतापुर। निकाय चुनाव के लिए सन 2022 चुनावी वर्ष हो सकता है। चुनाव को लेकर जोरशोर से तैयारियां चल रही हैं। आरक्षण से पार पाने के लिए सभासदों ने भी योजना बना ली है। इस समय जो सामान्य सीट पर सभासद हैं। अगर उनके वार्ड की सीट आरक्षित होती है तो वह दूसरे वार्ड से चुनाव लड़ेंगे। इसी तरह तरह दूसरा प्रत्याशी आरक्षित सीट पर चुनाव लड़ेगा। कुछ इस तरह से अदला बदली पर उम्मीदवारों ने सहमति बना रखी है। इसी तरह कुछ उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्होंने वैकल्पिक व्यवस्था कर रखी है। उन्होंने अपने वार्ड के साथ दूसरे वार्ड का विकल्प चुन रखा है। अगर उनकी सीट आरक्षित हो जाती है तो वह दूसरे वार्ड से चुनाव लड़ेंगे। इस बार चुनाव में कुछ इस तरह की रणनीतियां बनाई जा रही हैं।
वार्ड की सीट आरक्षित होने पर दूसरे पर लगाएंगे दांव
इस बार वार्ड मेंबर के लिए 14 की जगह पर 17 सीटें तय की गई हैं। नगर का विस्तार होने से इस बार चुनावी मैदान न सिर्फ विस्तृत हुआ है, बल्कि सारे समीकरण बदले नजर आ रहे हैं। इस बार नगर में तीन नए वार्डों का सृजन किया गया है। जिससे कुछ वार्डों में विस्तार भी हुआ है। ऐसे वार्डों से चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार तनाव में हैं। हालांकि विस्तार हुए क्षेत्र से किसका नफा होगा या किसका नुकसान ये कहना जल्दबाजी होगी। वार्डों के आरक्षण को लेकर सभासद उम्मीदवार असमंजस में हैं। इसके लिए उन्होंने वैकल्पिक व्यवस्था कर रखी है।
कुछ उम्मीदवार दो वार्डों को एक साथ लेकर चल रहे हैं। अगर उनका वार्ड आरक्षण की चपेट में आता है तो वह दूसरे वार्ड से चुनाव लड़ेंगे। इसी तरह कुछ उम्मीदवारों ने अदला बदली का फॉर्मूला सेट किया हुआ है। इस फार्मूले में तय है अगर उनके यहां की सीट आरक्षण के अंतर्गत आती है तो आरक्षण के हिसाब से चेहरे बदल जाएंगे। दोनों उम्मीदवार एक दूसरे के वार्ड से चुनाव लड़ेंगे।
आरक्षण को लेकर उधेड़बुन में हैं सभासद प्रत्याशी
बता दें कि 22 दिसंबर को निकाय चुनाव का कार्यकाल पूरा हो रहा है। ऐसे में उम्मीदवारों ने अपनी-अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। लेकिन अभी वार्ड की सीटों को लेकर आरक्षण तय नही है। ऐसे में उम्मीदवारों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। अगर उनके वार्ड की सीट आरक्षित हो गयी तो वह चुनाव लड़ने से वंचित रह जाएंगे। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए उम्मीदवार भी मंथन कर रहे हैं। कुछ अपने लिए दूसरे वार्डों में विकल्प तलाश रहे हैं तो कुछ सीट के हिसाब से वार्ड बदलने की सहमति बना रहे हैं। बहरहाल, जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है। नगर में चुनावी चर्चा तेज हो चली है। वार्डों के नुक्कड़, होटल व सामूहिक स्थानों पर लोग चुनावी चर्चा में भाग ले रहे हैं और सीट आरक्षण को लेकर कयास लगा रहे हैं।