दिल्ली के वसंत कुंज इलाके में एक नवजात बच्ची कूड़े के ढेर में मिली। पुलिस ने शनिवार को इसकी जानकारी दी। पुलिस के मुताबिक, 8 अक्टूबर को सुबह रजोकरी बस स्टैंड के पास एक शख्स को नवजात बच्ची कूड़े में मिली थी। बारिश होने के कारण वह शख्स बच्ची को अपने घर ले आया और इस बात की सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस को शख्स ने बच्ची सौंप कर घटना की जानकारी दी। इसके बाद पुलिस ने बच्ची को फोर्टिस अस्पताल में भर्ती किया। फिलहाल बच्ची की हालत नाजुक बनी हुई है।
तीन दिन पहले ही जन्मी थी बच्ची
डॉक्टरों के मुताबिक नवजात बच्ची का जन्म 24 से 48 घंटे पहले हुआ ही हुआ। उसका शरीर नीला पड़ा हुआ था। उसका वजन केवल दो किलो था, जो नवजात शिशु के सामान्य वजन से कम है। डॉ नागपाल ने बताया कि नवजात बच्ची की गर्भनाल जुड़ी हुई थी। बच्ची बारिश से भीगने की वजह से बेहद कमजोर और हाइपोथर्मिक अवस्था में थी।
बच्ची सौंपने वालों ने जताई गोद लेने की इच्छा
जिन लोगों ने पुलिस को बच्ची की सूचना दी थी। उन्होंने कहा कि हम अपनी सुबह की सैर के लिए जा रहे थे, जैसे ही हम एक कूड़े के ढेर के पास से गुजरे तो हमने देखा कि एक बच्ची बिना कपड़ों के पड़ी थी। उन्होंने इच्छा जताई कि बच्ची के ठीक होने के बाद अगर हमें परमिशन मिली तो हम उसे गोद ले लेंगे। इस बात से हमें बहुत खुशी होगी।
दिल्ली में सबसे ज्यादा अनाथ बच्चों की संख्या
देश में ऐसे कई मामले सामने आते रहते हैं। इस पर कई कदम उठाने के बावजूद भी अनाथ बच्चों के आंकड़ों में कमी नहीं आ रही है। यूनिसेफ के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, भारत में करीब 3 करोड़ अनाथ बच्चे हैं। (NCRB) राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक, 2015 से 2020 के बीच के रिकॉर्ड में सबसे ज्यादा अनाथ बच्चों की संख्या दिल्ली में है। राजधानी दिल्ली से इस तरह के सबसे ज्यादा मामले आते है।
इसके अलावा अन्य राज्यों की बात करें तो महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक और गुजरात में भी इन मामलों में अनाथ बच्चे, भ्रूण हत्या और शिशु हत्याओं की एक बड़ी संख्या दर्ज की है। इनका कारण गरीबी, सहायता सेवाओं की कमी, चाइल्डकैअर होम बताया गया है।