विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर विशेष

भास्कर समाचार सेवा

इटावा। मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर जिला अस्पताल सहित सभी सीएचसी पर किया जाएगा जागरूक
ज़िला अस्पताल के कमरा नंबर 124 में मानसिक रोगियों की होती काउंसलिंग दुनिया भर में मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने व लोगों को सही जानकारी पहुंचाने के लिए हर वर्ष 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की थीम है “मेक मेंटल हेल्थ एंड वेल बीइंग फॉर ऑल ग्लोबल प्रायरिटी” है।इसी थीम के अनुसार सभी जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर 10 अक्टूबर को जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा यह जानकारी एसीएमओ व नोडल डॉ शिवचरण हैबरम ने।उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने स्वास्थ्य की परिभाषा में स्पष्ट कर दिया है शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी महत्व दिया जाएगा।इसलिए इस दिवस पर जागरूकता कार्यक्रमों द्वारा लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी दी जाएगी।

क्या है मानसिक स्वास्थ्य?

हमारे मानसिक स्वास्थ्य में भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक व सामाजिक कल्याण शामिल है। यह हमारी सोचने,समझने,महसूस करने और कार्य करने की क्षमता को प्रभावित करते हैं। क्योंकि छोटे से छोटा बड़े से बड़ा काम हम मस्तिष्क के जरिए करते हैं। इसलिए अनियमित जीवन शैली और सही खान-पान ना होने के कारण मस्तिष्क की कार्यक्षमता बुरी तरह से प्रभावित होती है। इस स्थिति में मानसिक बीमारियां चिंता, अत्यधिक तनाव मनोदशा विकार,व्यक्तित्व विकार, अवसाद, फोबिया, कनेक्टिविटी डिसऑर्डर, मानसिक मंदता,मनो विक्षिप्तता का सामना करना पड़ता है डॉ हेंब्रम ने बताया कि मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए सबसे पहले खानपान पर विशेष ध्यान दें। ज्यादा नकारात्मक रूप से न सोचें। किसी बात को बेवजह अपने दिमाग पर हावी न होने दें। अपने काम को गंभीरतापूर्वक करें और कोशिश करें कि आप किसी भी प्रकार की टेंशन दिमाग में न रखें। जिससे आपकी मेंटल हेल्थ प्रभावित हो। कोशिश करें अपने आहार में ब्रेन बूस्टर फूड्स (फल मेवा हरी सब्जियां आदि) को शामिल करें साथ ही मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए योगा और व्यायाम को अपनी जीवन शैली में अपनाएं।

उन्होंने बताया जिला अस्पताल के कमरा नंबर 124 में मन कक्ष के द्वारा मानसिक रोगियों को निशुल्क काउंसलिंग दी जाती है। जिसमें अब तक 2940 लोगों को काउंसलिंग की जा चुकी है। जनपद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भरथना, सैफई, जसवंतनगर, चकरनगर, राजपुर, उदी पर मन चेतना की पहल वर्ष 2021 अगस्त से की जा चुकी है। इस कार्यक्रम के तहत मनो रोगियों को उचित चिकित्सीय सलाह व दवा उपलब्ध कराई जा रही है।

दुआ के साथ दवा

जिला मानसिक स्वास्थ्य इकाई के मनोचिकित्सक सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप चौबे ने बताया कि जनपद में मानसिक रोगियों के लिए दुआ के साथ दवा मुहिम चलाई जा रही है। जिसके तहत झाड़-फूंक करने वाले स्थानों पर जाकर मानसिक रोगियों को समझाया जाता है की वह झाड़-फूंक के साथ दुआ लें लेकिन दवा का सेवन भी करें।जिससे मानसिक विकारों से जल्द से जल्द छुटकारा मिले। उन्होंने बताया कि सामुदायिक रूप से लोगों को जागरूक करने की यह पहल लोगों को मानसिक इलाज के लिए दुआ के साथ दवा का महत्व बताने में सहायक सिद्ध हो रही है।
20 वर्षीय शोभना (बदला हुआ नाम) ने बताया कि मैं एक मानसिक रोगी थी और मानसिक रूप से अस्थिर रहती थी। मैं झाड़-फूंक कराने विशेष स्थान पर जाती थी वहां पर मुझे मानसिक स्वास्थ्य सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा समझाया गया और मैंने दवा खानी शुरू की उसके बाद मुझे बहुत आराम मिला अब मेरी स्थिति सामान्य है।

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