दिल्ली शराब घोटाला केस: ED ने कई शराब कारोबारियों के ठिकानों पर की छापेमारी, तीन लोग हुए गिरफ्तार

दिल्ली शराब घोटाला केस में ईडी ने शुक्रवार को दिल्ली में 25 जगह छापेमारी की। इस दौरान एजेंसी ने राजधानी के कई शराब कारोबारियों के आवासों सहित कई ठिकानों पर तलाशी ली। पहले भी ED और CBI ने इस केस में 100 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है। पहले एजेंसी ने कुछ नेताओं, पूर्व नौकरशाह और कारोबारियों के घर तलाशी ली थी।

7 अक्टूबर को दिल्ली, पंजाब और हैदराबाद में 35 ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय ने छापा मारा था। वहीं, 16 सितंबर को ED ने भी इस मामले में दिल्ली-एनसीआर, बेंगलुरु, हैदराबाद, नेल्लोर और चेन्नई समेत देशभर में 40 ठिकानों पर छापेमारी की थी। तब सिर्फ हैदराबाद में ही 25 ठिकानों पर छापेमारी हुई थी। जांच एजेंसियों ने अब तक केस में तीन आरोपियों विजय नायर, समीर महेंद्रू और अभिषेक बोइनपल्ली को गिरफ्तार किया है। इस मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर भी आरोप हैं।

1 अगस्त से लागू की गई थी शराब नीति

डिप्टी CM मनीष सिसोदिया ने 1 अगस्त 2022 को ऐलान किया था कि पुरानी शराब नीति लागू होगी। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा- केंद्र सरकार ने इस पॉलिसी में CBI की एंट्री करा दी, जिससे कोई भी ठेका लेने के लिए तैयार नहीं है। इसलिए हम नई व्यवस्था लागू नहीं करेंगे।

डिप्टी CM ने कहा था कि नई एक्साइज पॉलिसी से भाजपा का भ्रष्टाचार खत्म हो जाता और साल में 9,500 करोड़ का राजस्व आता। वर्तमान में दिल्ली में 468 शराब दुकानें चल रही हैं। भाजपा का मकसद है कि दिल्ली में अवैध शराब बिके।

इस नई शराब नीति के तहत दिल्ली सरकार ने ये 5 प्रमुख फैसले लिए…

पूरी दिल्ली को 32 जोन में बांटकर हर जोन में 27 लिकर वेंडर रखने की बात कही गई।
इसमें फैसला किया गया कि दिल्ली सरकार अब शराब बेचने का काम नहीं करेगी।
अब दिल्ली में शराब बेचने के लिए सिर्फ प्राइवेट दुकानें होंगी।
हर वार्ड में 2 से 3 वेंडर को शराब बेचने की अनुमति दी जाएगी।
शराब दुकानों के लिए लाइसेंस देने की प्रोसेस को आसान और फ्लेक्सिबल बनाया जाएगा।
नई शराब नीति पर इन 4 नियमों को तोड़ने के आरोप लगे हैं…

GNCTD अधिनियम 1991
व्यापार नियमों के लेनदेन (TOBR)-1993
दिल्ली उत्पाद शुल्क अधिनियम-2009
दिल्ली उत्पाद शुल्क नियम-2010
इसी वजह से मुख्य सचिव ने आबकारी विभाग से जवाब भी मांगा था। जब 8 जुलाई को इस संबंध में उपराज्यपाल को फाइल भेजी गई तब जाकर इस मामले पर बवाल मचाना शुरू हुआ।

शराब घोटाले में CBI ने PMLA के तहत 2 धाराएं लगाई गई थीं

19 अगस्त को शराब घोटाले में CBI ने दिल्ली के डिप्टी CM मनीष सिसोदिया के घर समेत दूसरे ठिकानों पर छापेमारी की थी। मनीष सिसोदिया पर जिन 3 धाराओं में केस दर्ज है, उनमें 2 धाराएं प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत आती हैं। CBI की FIR के मुताबिक मनीष सिसोदिया के खिलाफ IPC की धारा 120B, 477A और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन की धारा 7 के तहत केस दर्ज हुआ है।

दिल्ली उप राज्यपाल ने मनीष सिसोदिया के खिलाफ CBI जांच की मांग की थी

22 जुलाई को नई शराब नीति को लेकर दिल्ली के उप-राज्यपाल वीके सक्सेना ने मनीष सिसोदिया के खिलाफ CBI जांच की मांग की थी। सक्सेना ने केजरीवाल सरकार के मंत्री सिसोदिया पर नियमों को नजरअंदाज कर भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाए थे। वहीं BJP ने केजरीवाल सरकार पर नए टेंडर के बाद गलत तरीके से शराब ठेकेदारों के 144 करोड़ माफ करने के आरोप लगाए थे।

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